उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश सरकार ने नई डिजिटल नीति को मंजूरी दे दी है। डिजिटल नीति 2024 के बारे में प्रमुख सचिव संजय प्रसाद की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि डिजिटल मीडिया के माध्यम से सरकार के कामकाज का प्रसार करने पर प्रोत्साहन दिया जाएगा। ये प्रोत्साहन विज्ञापन राशि के तौर पर होगा।
यूपी सरकार की इस नीति को लेकर कांग्रेस ने कहा कि यह डिटिजल मीडिया पर सरेआम कब्जा है। यूपी सरकार का कहना है कि इस प्रयोग से सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर को फायदा होने की उम्मीद है जो लोग अपने कंटेट को सिर्फ सोशल मीडिया पर दे रहे हैं उनको भी फायदा होने की उम्मीद है। डिजिटल माध्यम जैसे- एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब में सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों पर आधारित कंटेंट को दिखाए जाने पर संबंधित व्यक्ति या फर्म को सरकार विज्ञापन देगी। इन विज्ञापनों के जरिए कोई भी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, एजेंसी या फर्म अधिकतम आठ लाख रुपये प्रतिमाह तक कमा सकती है।
यूपी सरकार सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स के लिए नई स्कीम लेकर आई है। इसके मुताबिक़ सरकार के काम का प्रचार-प्रसार करने वाले को महीने के 8 लाख रुपये तक मिल सकते हैं और इनका विरोध करने वालों को सजा भी भुगतना पड़ सकता है।
यानी, डिजिटल मीडिया पर सरेआम कब्जा। सरकार अब बिना किसी डर या… pic.twitter.com/tDSIwiamGz
— UP Congress (@INCUttarPradesh) August 28, 2024
सोशल मीडिया में सब्सक्राइबर और फ़ॉलोअर्स के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा गया है। एक्स, फेसबुक और इंस्टाग्राम के इन्फ्लुएंसर को अधिकतम भुगतान की सीमा पांच लाख रुपये प्रतिमाह है, जबकि यूट्यूब के लिए अधिक भुगतान की सीमा आठ लाख रुपये है। कांग्रेस ने सरकार की इस नीति का विरोध किया है।
यूपी कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि यूपी सरकार सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए नई स्कीम लेकर आई है। इसके अनुसार सरकार के काम का प्रचार-प्रसार करने वाले को महीने के 8 लाख रुपये तक मिल सकते हैं और इनका विरोध करने वालों को सजा भी भुगतना पड़ सकता है। यानी, डिजिटल मीडिया पर सरेआम कब्जा है। सरकार अब बिना किसी डर या संकोच सरेआम मीडिया को गोद लेने पर उतारू हो गई है। कांग्रेस ने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए खतरा नहीं तो और क्या है।