अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर गत शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया है। रणथंभौर की बाघिन टी-111 के तीन शावकों का नामकरण किया। चिंरजीवी, चिरायु एवं अवनी नामकरण किया। कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक विजेता कृष्णा पूनिया के नाम पर नाम रखा। बाघिन टी-17 का नामकरण कृष्णा किया गया। इसी तरह अब पैरालंपिक पदक विजेता अवनी के नाम पर शावक का नाम अवनी होगा। जब देश में बाघ विलुप्ति के कगार पर पहुंच गए थे।
तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने शुरुआत की। अप्रैल, 1973 में “प्रोजेक्ट टाइगर” की शुरुआत की। जिससे देश में बाघों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। पिछले एक माह में रणथंभौर में 6 शावकों ने जन्म लिया है। राजस्थान सरकार प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। प्रदेश के वनों और वन्यजीवों को संरक्षित करने के लिए काम कर रही।