स्वदेशी जागरण मंच जयपुर प्रांत की महिला कार्यप्रमुख एवं राष्ट्रीय परिषद सदस्य अर्चना मीना मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में आयोजित हुई राष्ट्रीय परिषद की तीन दिवसीय राष्ट्रीय सभा में शामिल रहीं। यह स्वदेशी जागरण मंच की 15वीं राष्ट्रीय सभा थी जो अर्थ एवं रोजगार सृजन विषय पर केंद्रित रही। अर्चना मीना इस बैठक में राष्ट्रीय प्रस्ताव समिति की सदस्य के रूप में भी मौजूद रहीं। अर्चना ने बताया कि तीन दिवसीय इस राष्ट्रीय सभा में भारत को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने वाले विभिन्न बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया जिनमें ग्राम विकास, कृषि उन्नयन, कौशल विकास एवं रोजगार, पर्यावरण, महिला सशक्तिकरण आदि सम्मिलित हैं। राष्ट्रीय परिषद द्वारा पारित प्रस्ताव में पर्यावरण के संरक्षण के उद्देश्य से अति महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार विमर्श कर उन्हें सम्मिलित किया गया।
अर्चना मीना ने जानकारी देते हुए बताया कि पर्यावरण की ज्वलंत समस्या संभवतः मनुष्य जाति के समक्ष खड़ा सबसे गंभीर खतरा है। जल, वायु और भूमि के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण के घातक परिणामों के साथ विश्व में खपत से अधिक होने वाला उत्पादन पृथ्वी को एक ऐसे विनाश की ओर ले जा रहा है जिसका उपाय निकाल कर निदान करना बहुत आवश्यक है। औद्योगीकरण के दुष्प्रभावों में कार्बन-डाइऑक्साइड व अन्य जहरीली गैसों का उत्सर्जन ग्लोबल वॉर्मिंग को बढ़ावा दे रहा है। हानिकारक गतिविधियों पर नियमानुसार अंकुश लगाना एवं नए विकल्पों पर विचार करना अति आवश्यक है। स्वदेशी जागरण मंच 28 अगस्त 1730 को जोधपुर की अमृता देवी द्वारा वन संरक्षण के लिए दिए गए अमर बलिदान की याद में प्रतिवर्ष 28 अगस्त को राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस के रूप में मनाएगा यह संकल्प लिया गया। राष्ट्रीय परिषद द्वारा विश्व व्यापार संगठन और वैश्विक वित्तीय वास्तुकला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण एवं विकासशील देशों के विकास में बाधा बन रहे कुछ निर्णयों पर विचार किया गया।
सभी का सम्मिलित विचार था कि कोविड टीकाकरण, दवा निर्माण फार्मूले की सार्वभौमिक पहुंच एवं कोरोना वाइरस से लड़ने की तकनीकी जानकारी की आपूर्ति व प्रौद्योगिकी हस्तांतरित करने के जैसे मानवीय मूल्यों पर आधारित मुद्दों पर तत्काल सामान्य परिषद की बैठक बुलानी चाहिए। वीजा आवश्यकताओं में उदारीकरण एवं तकनीकी तंत्र में काम करने वालों को वर्क परमिट की अनुमति में लचीलापन आवश्यक है ताकि उनकी उन्नति की राह एवं कार्य प्रणाली में अनुभव प्राप्त करना सुगम हो। राष्ट्रीय परिषद द्वारा समग्र ग्राम विकास एवं रोजगार जैसे महत्वपूर्ण विषय पर विचार विमर्श किया गया। ग्रामीण क्षेत्र में आय का स्तर, रोजगार और आजीविका को बढ़ाने के लिए समग्र ग्रामीण विकास पर ध्यान केन्द्रित करने के ठोस प्रयास करने होंगे, जिसमें कौशल विकास पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
साथ ही पंचायती राज संस्थानों की ग्रामीण विकास में उपयोगिता को और अधिक सार्थक बनाना होगा। इसी प्रकार स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार कृषि संबन्धित सही ढांचा तैयार करना, जलवायु परिवर्तन के कारण फसलों को होने वाले खतरों को समझना, वैज्ञानिक आधार पर कृषि पद्दतियों की पहचान करना, ग्रामीण अर्थव्यवस्था की आत्मनिर्भरता के लिए पशुधन पूंजी का उपयोग करना तथा ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रोकना आवश्यक है। राष्ट्रीय परिषद द्वारा पारित किए गए इन प्रस्तावों पर चिंतन कर इन्हें लागू करने के लिए राष्ट्र एवं राज्य सरकारों को भेजा जाएगा। इस सभा में देशभर से 748 जिलों के प्रतिनिधित्व के रूप में 800 से अधिक पदाधिकारियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक श्री सुंदरम, राष्ट्रीय संगठक श्री कश्मीरी लाल जी, ज़ोहो कॉर्पोरेशन के सीईओ श्रीधर वेंबू (पद्म श्री), सह संगठक श्री सतीश कुमार, सह संयोजक व अर्थशास्त्री डॉ. अश्विनी महाजन, प्रांत संगठक श्री मनोहर शरण जी सहित देश भर से आए पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।