रणथंभौर नेशनल पार्क में गर्मी की शुरुआत होने के साथ-साथ ही वन्यजीव पेयजल की समस्या से दो-चार हो रहे हैं। पर्यटन की अंधी दौड़ में वनाधिकारियों की तरफ से सिर्फ कुछ ही जोनों का ख्याल रखा जा रहा है। जोन नंबर दस में बाघिन टी-114 सूखा कंठ तर करने के लिए अपने पंजों से नम जमीन को खोदती हुई नजर आई, जिससे वह अपनी प्यास बुझा सके। एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, हालांकि सवाई माधोपुर एप वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। वनाधिकारी जोन नंबर दस में पानी की पूर्ण व्यवस्था होने की बात कह रहे हैं। रणथंभौर नेशनल पार्क में पर्यटन क्षेत्र 10 जोनों में बटा हुआ है। जोन एक से छह में बहुत आसानी से बाघों को विचरण करते देखा जाता है। इसके चलते इन जोनों पर वनाधिकारियों की लगातार नजर रहती है।
इधर जोन सात से दस में कभी कभी ही बाघों की साइटिंग होती हैं। ऐसे में इस क्षेत्र पर वनाधिकारियों की कम नजर रहती है। जोन नंबर 10 में कल शनिवार को सुबह की पारी में बाघिन टी-114 पानी के लिए भटकते हुए एक नाले के पास पहुंची। जहां पानी की तलाश के लिए बाघिन ने नम जमीन को अपने पंजे से कुरेदा। इसके पास वहां बैठकर जमीन से पीने के पानी का प्रयास किया, लेकिन पानी नहीं मिलने के कारण वहां से जंगल की ओर वापस चली गई।
इनका कहना है:- रणथंभौर नेशनल पार्क के एसीएफ संजीव शर्मा का कहना है कि सभी जोनों में वन्यजीवों के लिए पानी की पूर्ण व्यवस्था है। जहां तक जोन दस की बात है वहां भी पर्याप्त पानी है। रणथंभौर नेशनल पार्क के सभी दस जोन महत्पूर्ण हैं। सभी जोनों में वन्यजीव विशेषकर बाघ-बाघिनों का विचरण होता है। पानी और भोजन प्रचूर मात्रा में उपलब्ध है।