जयपुर:उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री दिया कुमारी ने प्रदेश में पर्यटन की अपार सम्भावनाओं को देखते हुए बजट 2025-26 में कई महत्वपूर्ण घेषणाएं की हैं। पर्यटन क्षेत्र का विकास करने की दृष्टि से जहाँ एक ओर राजस्थान ट्यूरिजम इन्फ्रास्ट्रचर एण्ड कैपेसिटी बिल्डिंग फंड (आरटीआईसीएफ) से 750 करोड़ रुपये से अधिक राशि के आधारभूत संरचना सम्बन्धी कार्य हाथ में लिये गएं हैं, वहीं प्रदेश को ग्लोबल सेंटर स्टेज पर लाने के लिए देश-विदेश में ट्रेवल बाजार, कल्चरल प्रोग्राम, राजस्थान कॉलिंग जैसे इवेंट्स/रोड शॉ भी किये जा रहे हैं।
आईफा आयोजन साबित होगा मील का पत्थर: राजस्थान पर्यटन को मिलेगी नई ऊंचाई:
राजस्थान में प्रथम बार आईफा अवार्ड का आयोजन आगामी 8 एवं 9 मार्च को जयपुर में होने जा रहा है। यह आयोजन राजस्थान पर्यटन के विकास में मील का पत्थर साबित होगा जो राजस्थान पर्यटन को वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाई प्रदान करेगा। आईफा के भव्य आयोजन में राजस्थान पर्यटन विभाग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस विश्व स्तरीय ब्रांडिंग से राजस्थान पर्यटन विश्व में सिरमौर बनकर उभरेगा।
पर्यटन गतिविधियों को नयी ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए आगामी वर्ष में 975 करोड़ रू. का प्रावधान:
बजट प्रावधानों के मुताबिक प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए आगामी वर्ष में 975 करोड़ रुपये के इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट के कार्य हाथ में लिये जाने के साथ ही विभिन्न धार्मिक स्थलों पर आधारभूत संरचना व सुविधा विकसित किये जाने सम्बन्धी कार्य करवाये जायेंगे।
विरासत को मिलेगा संरक्षण:
प्रदेश में हेरिटेज पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही आईकोनिक ट्यूरिस्ट डेस्टिनेशन्स के रूप में 10 साईट्स का विकास किया जाएगा।
नाईट ट्यूरिज्म के लिए 100 करोड़ रुपये:
प्रदेश में नाईट टयूरिज्म को बढ़ावा देने हेतु 100 करोड़ रुपये के साथ ही ऐतिहासिक कलात्मक हवेलियों के संखक्षण हेतु शेखावाटी हवेली संरक्षण योजना एवं हेरिटेज वॉक का आयोजन किया जाएगा।
बीकानेर में गवरी देवी कला केन्द्र:
लोक गायकों एवं संगीतकारों तथा इनकी मौलिक कलाओं के संरक्षण के लिए बीकानेर में गवरी देवी कला केन्द्र की स्थापना की जाएगी।
अल्बर्ट हॉल म्यूजियम का होगा नवीनीकरण कार्य:
जयपुर के अल्बर्ट हॉल म्यूजियम के उन्नयन हेतु 25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। संस्कृति पोर्टल- गांवों, मंदिरों के इतिहास का दस्तावेज तैयार किया जाएगा।
हॉस्पिटलिटी स्किल सेंटर्स– संभाग स्तर पर हॉस्पिटलिटी स्किल सेंटर्स खोले जाएंगे।
धार्मिक आस्था और विश्वास के विकास हेतु 95 करोड़ रुपये का प्रावधान:
पुष्कर, रणथम्भौर त्रिनेत्र गणेश जी, जीण माता, तनोट माता मंदिर, रामदेवरा, दाऊ मदनमोहन— भरतपुर व देशनोक— बीकानेर आदि धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं हेतु विभिन्न सुविधायें विकसित करने के लिए 95 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।
झीलों का सौन्दर्यकरण, त्यौहारों पर सजावट:
प्रदेश के विभिन्न झीलों का सौन्दर्यकरण किया जाएगा। त्रिवेणी संगम-बेणेश्वर धाम, रामेश्वर घाट एवं बीगोद संगम का भी सौंदर्यकरण कर विकसित किया जएगा। 600 मंदिरों पर दीपावली, होली एवं रामनवमी जैसे प्रमुख त्योहारों पर विशेष साज-सज्जा व आरती के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
ट्राइबल ट्यूरिस्ट एवं ग्रामीण पर्यटन विकास सर्किट का होगा विकास:
आदिवासी बाहुल्य जिलों में 100 करोड़ रुपये व्यय कर ट्राईबल ट्यूरिस्ट सर्किट विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही राज्य सरकार ने इस बार ग्रामीण पर्यटन विकास को लक्षित किया है। इसी के अंतर्गत रूरल ट्यूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए 10 गांवों में पर्यटन सुविधाओं को विकसित किया जाएगा।
सुरक्षा बलों को सलाम:
वॉर म्यूजियम: जैसलमेर में आधारभूत संरचना एवं सुविधायें विकसित की जाएंगी।
सरकार हमारी श्रवण कुमार:
वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना में 1 हजार वरिष्ठजन को हवाई मार्ग से यात्रा, 50 हजार को एसी ट्रेन से तीर्थ यात्रा करवाई जाएगी।
मंदिरों के उन्नयन के लिए 101 करोड़ रू:
विभिन्न मंदिरों के उन्नयन हेतु 101 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। मंदिरों में भोग की राशि को बढ़ाकर 3 हजार रुपये प्रतिमाह एवं पुजारियों का मानदेय 7,500 रुपये प्रतिमाह किया गया है।
जयपुर स्थापना के 300 वर्षों का उत्सव:
जयपुर शहर की स्थापना के 300 वर्ष पूर्ण होने पर वर्ष 2027 में साल भर स्थापना समारोहों का आयोजन किया जाएगा। इसी कड़ी में 2027 में गोविन्द देव जी कला महोत्सव का भी आयोजन किया जाएगा।
हवाई सफर: सुविधाओं का विकास:
कोटा एयरपोर्ट के निकट ऐरो सिटी बनाई जाएगी। माउंट आबू-सिरोही में हवाई खेल गतिविधियां शुरु करवाई जाएगी। 29 हवाई पट्टियों को बड़े हवाई जहाज उतरने के योग्य बनाया जाएगा। प्रतापगढ़, झालावाड एवं झुंझुनू में फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑगनाईजेशन (एफटीओ) बनाया जाएगा।जयपुर, जोधपुर एवं उदयपुर में हॉप ऑन हॉप ऑफ बस सेवा शुरू की जाएगी।
सौंध माटी आदिधरोहर प्रलेखन योजना:
जनजाति कलाकार वाद्य यंत्र, पाक कला, आस्था केन्द्रों, ऐतिहासिक महत्व के स्थल, चित्रकारी, भित्ति चित्र, काष्ठ व प्रस्थर कला, नृत्य एवं गायन के प्रलेखन कार्य हेतु सौंध माटी आदिधरोहर प्रलेखन योजना प्रारम्भ की जाएगी।
चित्रकला के माध्यम से पर्यटन का विकास:
प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों के सदृश्य स्थानों की दीवारों पर स्थानीय चित्रकारों द्वारा राजस्थान की कला एवं संस्कृति का चित्रण करती हुई। पेन्टिग चरणबद्ध रूप से करवायी जानी प्रस्तावित हैं। इस हेतु आगामी वर्ष 35 करोड़ रुपये का व्यय किया जायेगा।