जैन धर्म के चतुर्थ तीर्थंकर भगवान अभिनंदननाथ व 15 वें तीर्थंकर भगवान धर्मनाथ का ज्ञान कल्याणक मनाने तथा नववर्ष का अभिनंदन करने के लिए सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा नगर परिषद क्षेत्रान्र्तगत स्थित जिनालयों में जिनेन्द्र देव का अभिषेक, शान्तिधारा, मण्डल विधान पूजन, शास्त्र स्वाध्याय, णमोकार महामंत्र का जाप, भक्तामर स्त्रोत का पाठ आदि धार्मिक कार्यक्रमों का धर्मप्रभावनापूर्वक भव्य आयोजन किया गया।
हर्षोल्लास के वातावरण में आयोजित पूजा-अर्चना के कार्यक्रमों में समाजजनों ने रूचि पूर्वक भाग लिया। नववर्ष को धर्म प्रभावना पूर्वक मनाने को लेकर धर्मावलम्बियों में काफी उत्साह दिखाई दिया। इस पावन अवसर पर जिनेन्द्र भक्तों का सैलाब, जयकारों से गूंजते जिनालयों का दृष्य अभुभूत था।
कार्यक्रमों की शुरूआत जिनेन्द्र देव के अभिषेक व विष्व शान्ति की मंगल कामना के साथ की गई शान्तिधारा के साथ हुई।
प्रवक्ता प्रवीण जैन ने बताया कि तीर्थंकर भगवानों के ज्ञान कल्याणक व नववर्ष के उपलक्ष्य में उत्साह और उमगं के साथ आयोजित धार्मिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में भक्ति व आस्था के रंग मे डूबे आलनपुर के दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र चमत्कारजी में दिगम्बर जैन सेवा मंडल के अध्यक्ष मोहनलाल कासलीवाल के सान्निध्य में श्रावकों द्वारा धार्मिक रीति-रिवाज से नववर्ष मनाया गया। टीकमगढ़ (मध्यप्रदेष) के बा.ब्रह. हरीश भैया एवं पं. उमेश जैन, शास्त्री द्वारा संयुक्त रूप से उच्चारित मंत्रो के साथ इन्द्र-इन्द्राणियों ने भक्तामर विधान मण्डल का अष्टदृव्यों से नृत्य-संगीत एवं अनुपम भक्तिभाव के साथ पूजन कर जयकारों के बीच मण्डल पर 48 अघ्र्य समर्पित किए। इससे पूर्व मण्डल पर मंगल दीपक की विधि-विधान पूर्वक स्थापना की गई। पूजन के मध्य में किस्मत वालों को मिलता है भगवान का दरबार…….., मेंरे सिर पर रख दो बाबा अपने ये दोनों हाथ….., प्रभु थांसू आछी लागी प्रीत री…..,कब आएगा मेरा महावीरा….., झीमी-झीमी उडे़ रे गुलाल चालो रे मंदरिया में….., प्रभु का द्वार है कितना प्यारा……. जैसे कई मनभावन भजनों की मधुर स्वर लहरियों पर भावुक श्रद्वालुओं ने भक्ति नृत्य कर जिनेन्द्र देव को रिझाया। पूजन के उपरान्त सामूहिक रूप से भगवान आदिनाथ की संगीतमयी आरती कर जिनेन्द्र देव का गुणगान किया और नववर्ष सभी के लिए मंगलमय होने की कामना की।
इसी प्रकार राजनगर काॅलोनी के शान्तिनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर में मंदिर समिति अध्यक्ष दिनेष जैन श्रीमाल के सान्निध्य एवं हुकम चन्द पाण्ड्या द्वारा उच्चारित मंत्रो तथा सुनीता पल्लीवाल व सपना जैन द्वारा दी गई भजनों की प्रस्तुतियों के बीच शान्ति विधान मण्डल का श्रृद्धा पूर्वक पूजन कर मण्डल पर 120 अघ्र्य समर्पित किये और खुले मन से नववर्ष का अभिनन्दन किया। इस दौरान काफी संख्या में महिला एवं पुरूष मौजूद थे।