23 एमओयू और 7 एलओआई पर हुए हस्ताक्षर, जल्द आएगा निवेश
इन्वेस्ट सवाई माधोपुर समिट से जिले को 354 करोड रूपये का निवेश मिलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। आज बुधवार को राजीव गांधी रीजनल म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री ऑफ साइंस, रामसिंहपुरा में आयोजित समिट में विभिन्न उद्यमियों ने 30 एमओयू और एलओआई पर हस्ताक्षर किये। जल्द ही इस निवेश से जिले के औद्योगिक क्षेत्रों में नई इकाईयॉं लगेंगी तथा कुछ इकाइयों का विस्तार होगा। इससे लगभग 1640 युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। जिला प्रभारी मंत्री भजन लाल जाटव, स्थानीय विधायक सवाई माधोपुर, जिला प्रमुख सुदामा मीना, जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन, पुलिस अधीक्षक सुनील विश्नोई, नगर परिषद सभापति विमलचन्द महावर की गरिमामय उपस्थिति में हुए कार्यक्रम में जिले के औद्योगिक विकास की अपार सम्भावनाओं को धरातल पर साकार करने के लिये राज्य सरकार की विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं की उद्यमियों को जानकारी देकर और अधिक निवेश के लिये समझाइश की गई जिस पर उद्यमियों ने सकारात्मक रेसपोंस दिया।
कार्यक्रम में जिला प्रभारी मंत्री ने राजस्थान औद्योगिक विकास नीति-2019, राजस्थान सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम अधिनियम-2019, राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2019 समेत विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का विजन राजस्थान को प्रत्येक क्षेत्र में आगे ले जाकर देश का अग्रणी राज्य बनाना है। मुख्यमंत्री गहलोत की मंशानुरूप राजस्थान देश का प्रथम राज्य बना जहां उद्योगों को बढ़ावा देने, निवेश का बेहतर वातावरण बनाने व रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इन्वेस्ट सम्मिट कार्यक्रम आयोजित जा रहे है। राज्य सरकार उद्यमियों के सहयोग हेतु सदैव तत्पर है एवं राज्य सरकार द्वारा उद्योग क्षेत्र में कई योजनाएं चलाई जा रही है जिससे कि उद्योग क्षेत्र का विकास हो सके। सवाई माधोपुर जिला बाघों के लिये विश्वविख्यात हैं, यहॉं पर्यटन एवं खाद्य प्रसंस्करण की दृष्टि से अपार सम्भावनाएं हैं। जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने बताया कि जिले के सम्पूर्ण विकास के लिये कृषि और कृषि प्रसंस्करण, पर्यटन और खनिज 3 सबसे महत्वपूर्ण बिन्दु हैं। पर्यटन के क्षेत्र में रणथम्भौर बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन अब हमें सोच को व्यापक करना होगा। जो पर्यटक 1-2 दिन के लिये जिले में रूकते हैं, उन्हें एक सप्ताह रूकने के लिये प्रोत्साहित करेंगे।
इसके लिये खंडार फोर्ट, रामेश्वर, पाली घाट को एक्सप्लोर करना होगा, खंडार क्षेत्र में टाइगर सफारी के नये जोन खोलने के लिये प्रस्ताव तैयार कर वन व पर्यावरण सम्बंधी क्लीयरेंस लेनी होगी। खंडार फोर्ट व इसके आसपास पलाश जंगल विकसित करने पर विचार कर रहे हैं। बहरावंडा रीको एरिया को पर्यटन सेक्टर के लिये डेडिकेट किया जा सकता है। जिले में चम्बल, बनास, सूरवाल बांध, मानसरोवर में वाटर स्पोर्ट कॉम्पलेक्स विकसित किये जा सकते हैं। इसके साथ ही कलेक्टर ने जिला मुख्यालय के सौंदर्यकरण, रोजगार संवर्धन समेत अनेक बिन्दुओं पर अपने विजन को विस्तार से उद्यमियों के समक्ष रखकर इसे साकार करने के लिये मिलकर प्रयास करने का आव्हान किया। पुलिस अधीक्षक ने जिले के सम्पूर्ण विकास के लिये मिलकर प्रयास करने तथा उद्यमियों की समस्याओं के समाधान के लिये पुलिस की ओर से हर सम्भव सहायता की बात कही।
उद्योग व वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त निदेशक आर के सेठिया ने बताया कि केन्द्र सरकार की ओर से जारी की गई रेटिंग आईपीआरएस-2 में कुल 449 औद्योगिक क्षेत्रों को चयनित किया गया था, जिसमें से रीको के 30 औद्योगिक क्षेत्र हैं। इन 30 में से 25 औद्योगिक क्षेत्र को लीडर केटेगरी में चुना गया है। रीको द्वारा सवाई माधोपुर जिले के औद्योगिक क्षेत्र खैरदा, आरटीआर, गंगापुर सिटी एवं नवीन औद्योगिक क्षेत्र दुब्बी बिदरखां तथा टोंक जिले के उनियारा, आईआईडी सेन्टर निवाई एवं करौली जिले के मासलपुर एवं करौली औद्योगिक क्षेत्र में कुल 153 औद्योगिक भूखण्ड, 44 दुकानों के भूखण्ड, 6 व्यवसायिक एवं 5 आवासीय भूखण्डों का आवंटन ई-नीलामी के माध्यम से किया जा रहा है।
कार्यक्रम में एडीएम डॉ. सूरज सिंह नेगी, डीएमआईसी भूमि अवाप्ति अधिकारिी निधि सिंह, रीको के अतिरिक्त महाप्रबंधक अजय गुप्ता, रीको के वरिष्ठ उप महाप्रबन्धक मनोज कुमार खुल्लर एवं जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र के महाप्रबन्धक सुग्रीव मीना, उद्यमी खेमराज गोयल, रामबाबू गुप्ता, हाजी अब्दुल अजीज, विजय सिंघानिया व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।