रीट लेवल-1 में बीएड और बीएसटीसी विवाद मामले को लेकर आज गुरुवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। इस फैसले से बीएसटीसी वाले योग्य अभ्यर्थियों बड़ी राहत मिली है। और रीट लेवल-1 से बीएड अभ्यर्थियों को बाहर कर दिया गया है। रीट लेवल-1 में हाईकोर्ट ने बीएसटीसी वाले अभ्यर्थियों को ही योग्य माना है, अर्थात रीट लेवल-1 में सम्मिलित हुए बीएड के 9 लाख अभ्यर्थियों को इस भर्ती से बाहर कर दिया गया है।
अब यह पद केवल बीएसटीसी वाले योग्य अभ्यर्थियों से ही भरे जाएंगे। गत बुधवार को इस मामले में कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सभी पक्षकारों ने अपना – अपना मत रखा था। लेकिन इसके बाद कोर्ट ने फैसला अपने पास सुरक्षित रख लिया था। इस मामले को लेकर मुख्य न्यायाधीश की कोर्ट ने प्रतिदिन 3 तक दिन ढाई से तीन घंटे तक सुनवाई की।
राजेन्द्र चोटिया व अन्य लोगों ने इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में बीएसटीसी वाले अभ्यर्थियों ने लेवल-1 से बीएड धारकों को बाहर करने और बीएसटीसी अभ्यर्थियों को लेवल-1 में शामिल करने की मांग की गई थी।
हालांकि हाईकोर्ट में एनसीटीई के नोटिफिकेशन को भी चुनौती दी गई थी। जिसे कोर्ट ने एनसीटीई का नोटिफिकेशन भी अमान्य घोषित कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी तथा न्यायाधीश सुदेश बंसल की खंड पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है।
बीएसटीसी के रीट लेवल -1 के अभ्यर्थीयों को होगा फायदा
रीट लेवल -1 में बीएसटीसी के साथ ही बीएड डिग्री धारक अभ्यर्थियों को भी योग्य माने जाने पर कॉम्पिटिशन बढ़ गया था। ऐसे में बीएसटीसी के रीट लेवल -1 के योग्य अभ्यर्थी वंचित रह रहे थे।
इस फैसले से बीएसटीसी के उन अभ्यर्थियों को मौका मिलेगा जो इसमें योग्य है। इससे कॉम्पिटिशन कम होने से बीएसटीसी योग्यधारी अभ्यर्थियों की भर्ती होगी।