राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज संघ ने किया राज्यव्यापी आंदोलन का ऐलान
पिछली भाजपा सरकार हो या वर्तमान गहलोत सरकार तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण पॉलिसी को लेकर बातें तो खूब हुईं, कमेटी भी बनी। लेकिन कोई भी नीति व नियम निर्धारित नहीं हो सके। यही कारण है कि पिछले 12 सालों में महज दो बार ही तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले हो सके। जबकि सरकारों ने शिक्षा विभाग में अन्य श्रेणी के शिक्षकों व अन्य विभागों के कार्मिकों के जमकर तबादले किए गए। संघ के जिलाध्यक्ष मोहम्मद जाकिर व जिलामंत्री राहुल सिंह गुर्जर ने बताया कि तृतीय श्रेणी शिक्षकों की अनदेखी से नाराज राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ ने राज्यव्यापी आंदोलन का ऐलान करते हुए मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को 15 दिवस का नोटिस भेजकर रीट भर्ती से चयनित शिक्षकों को पोस्टिंग देने से पूर्व तृतीय श्रेणी शिक्षक, प्रबोधक व शारीरिक शिक्षकों से आवेदन लेकर स्थानांतरण शुरू कराने की मांग रखी है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष शेरसिंह चौहान व प्रदेश महामंत्री राजेश शर्मा के मुताबिक सरकार की ओर से हाल ही में शिक्षा विभाग में कार्यरत प्रधानाचार्य, व्याख्याता व वरिष्ठ अध्यापक सहित सभी विभागों के कार्मिकों के बड़ी संख्या में तबादले किए गए हैं।
लेकिन हर बार तबादला नीति बनाने और लागू करने का बहाना बनाकर तृतीय श्रेणी शिक्षक संवर्ग के स्थानांतरण के नाम पर बयानबाजी और आश्वासन देकर सरकार के जिम्मेदार अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेते है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में किसी भी दल की सरकार रही हो तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण के आज तक कोई स्थाई नियम एवं तबादला नीति लागू नहीं हो पाई है। यही कारण है कि साल 2018 से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के एक भी बार स्थानांतरण नहीं किए गए। प्रांतीय महामंत्री राजेश शर्मा ने बताया कि वर्तमान शासन के दौरान भी शिक्षकों के सबसे बड़े केडर तृतीय श्रेणी शिक्षक संवर्ग के साथ सौतेला व्यवहार ही किया गया है। अगस्त 2021 में शिक्षा विभाग की ओर से शाला दर्पण के माध्यम से करीब 85 हजार से अधिक तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण हेतु आवेदन भी ले लिए गए। इसी प्रकार मार्च 2021 में टीएसपी जिलों में कार्यरत 2500 से अधिक अध्यापकों से भी सामान्य जिला में जाने हेतु भी समायोजन आवेदन पत्र भरवाए गए।
लेकिन तबादला सूची आज तक नहीं निकली और हजारों शिक्षकों के आवेदन पत्र रद्दी की टोकरी में डाल दिए गए। ऐसे में सरकार के इस दोहरे रवैए को लेकर प्रदेश के ढाई लाख से अधिक तृतीय श्रेणी शिक्षक, प्रबोधक व शारीरिक शिक्षक संवर्गऔर उनके परिजनों में सरकार के प्रति बेहद आक्रोश व्याप्त हो रहा है। महामंत्री शर्मा ने बताया कि संगठन की ओर से मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को 15 दिवस का नोटिस भेजकर टीएसपी व डार्क जोन सहित सभी तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण रीट भर्ती से चयनित शिक्षकों की नियुक्ति से पूर्व आवेदन लेकर प्रारंभ करने की मांग की गई है। यदि 2 मई तक सरकार की ओर से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू नहीं की जाती है तो संगठन की ओर से चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा करते हुए प्रथम चरण में 3 मई को प्रदेश के समस्त उपखंड मुख्यालयों पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर उपखंड अधिकारियों के माध्यम से राज्य सरकार को एक सूत्री मांग का ज्ञापन भेजा जाएगा। आंदोलन के द्वितीय चरण में 10 मई को प्रदेश के समस्त जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन कर जिला कलेक्टरों के माध्यम से राज्य सरकार को ज्ञापन दिया जायेगा।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष शेरसिंह चौहान व संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक शंभू सिंह मेड़तिया ने बताया कि तबादलों को लेकर सरकार फिर भी कोई निर्णय नहीं लेती है तो आंदोलन के तृतीय चरण में 17 मई को प्रदेश भर के शिक्षक राजधानी जयपुर में एक दिवसीय राज्यव्यापी धरना प्रदर्शन कर सरकार को एक सूत्री मांग का ज्ञापन देकर निर्णायक आन्दोलन कार्यक्रम उसी दिन तय करेंगे। संघ के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान एवं प्रदेश महामंत्री राजेश शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अध्यापक, व्याख्याता, प्रधानाचार्य आदि संवर्ग के साथ अन्य विभाग के कर्मचारियों के तबादले जब बिना किसी नीति के किए जाते हैं। तो तृतीय श्रेणी शिक्षकों के लिए ही नीति की बात क्यों की जाती है। शिक्षक नेताओं का कहना है कि जिस प्रक्रिया के तहत अन्य कार्मिकों के तबादले किए जाते हैं। उसी तरह ही तृतीय श्रेणी शिक्षकों के भी स्थानांतरण किए जाएं। चौहान ने बताया कि पिछले 12 सालों में कांग्रेस शासन में साल 2010 में और भाजपा की सरकार में 2018 में ही तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण किए गए।