जयपुर: राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि पढ़ाई के लिए कोई शोर्टकट नहीं होता। केवल पाठ्यक्रम से संबंधित पुस्तकें ही नहीं, विद्यार्थी जीवन व्यवहार और नित नए हो रहे परिवर्तनों से जुड़ी सामग्री का भी अध्ययन करें। इसी से उनकी बौद्धिक क्षमता बढ़ेगी और वे जीवन में सफल हो सकेंगे। उन्होंने विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता बढ़ाए जाने के लिए भारतीय ज्ञान परम्परा से जुड़ी शिक्षा पर विशेष ध्यान देने का भी आह्वान किया है। बागडे ने बुधवार को हरिशचन्द्र माथुर लोक प्रशासन संस्थान ‘रीपा’ में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, क्षेत्रीय केन्द्र, जयपुर के दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि भारत ज्ञान-विज्ञान में आरंभ से ही समृद्ध रहा है। यहां नालंदा जैसा महान विश्वविद्यालय था। यहां सुदूर देशों से विद्यार्थी पढ़ने आते थे। राज्यपाल ने कहा कि विश्वभर में ज्ञान परम्परा में भारत श्रेष्ठ रहा है। दशमलव पद्धति पूरे विश्व को भारत ने दी। ऋषि भारद्वाज ने वायुयान पर अपने ग्रंथ में पहले ही अवगत करा दिया था। बागडे ने नकल की प्रवृति को रोके जाने, रोजगार प्राप्त करने की मानसिकता की बजाय रोजगार देने वाले बनाने, मुक्त शिक्षा के अंतर्गत शिक्षा से वंचित लोगों को पढ़ने के लिए प्रेरित करने आदि पर भी जोर दिया। राज्यपाल ने आरंभ में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को डिग्री और पदक प्रदान किए।
उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा रोजगार के साथ-साथ शिक्षा प्राप्त करने वाले, श्रमिकों आदि को भी डिग्री प्रदान कर सफल होने का रिकाॅर्ड संधारित किए जाने के निर्देश दिए। राज्यपाल ने इससे पहले इग्नू के रिजनल सेंटर की गतिविधियों की प्रदर्शनी का लोकार्पण किया। इससे पहले क्षेत्रीय निदेशक डाॅ. ममता भाटिया ने इग्नू के पाठ्यक्रमों और गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया। राममूर्ति मीना ने सभी का आभार व्यक्त किया।