सवाई माधोपुर: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के निर्देशों की अनुपालना में राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल ने राज्य के विभिन्न जिलों के ईंट भट्टों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। क्षेत्रीय अधिकारी बलजीत मीणा ने बताया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने ओ.ए. संख्या 67/2022 (सीजेड) रामदास बनाम राजस्थान राज्य और अन्य में 24 जनवरी, 2024 को पारित आदेशानुसार प्रमुख कलस्टरों में ईंट भट्टों की उत्पादन क्षमता या संचालन की अवधि को सीमित/प्रतिब*न्धित करने का निर्देश दिया गया था।
जिसकी अनुपालना में 22 जनवरी, 2025 को सदस्य सचिव, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल की अध्यक्षता में मण्डल मुख्यालय स्तर पर आयोजित बैठक के दौरान ईंट भट्टा संघों, ईंट भट्टा मालिकों एवं राज्य के विभिन्न जिलों के जिला प्रशासन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक के दौरान ईंट भट्टों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने और संचालन के नियमों पर विस्तृत चर्चा की गई। इस दौरान सभी उपस्थितजनों द्वारा सहमति जताई गयी कि पूरे राज्य में ईंट भट्टों में फा*यरिंग गतिविधियों को सिर्फ छह महीनें चलाने के लिए प्रतिबं*धित/सीमित किया जाए।
अब सिर्फ 1 जनवरी से 30 जून के मध्य चल सकेंगे ईट भट्टे:
क्षेत्रीय अधिकारी बलजीत मीणा ने बताया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के निर्देशों, विभिन्न ईंट भट्टा संघों से प्राप्त अभ्यावेदनों एवं बैठक में प्राप्त सुझावों के अनुसार राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा लिए गए निर्णयानुसार राज्य मण्डल के आदेश 4 मार्च, 2025 की अनुपालना में जिलें में संचालित सभी ईंट भट्टा मालिकों को निर्देशित किया जाता है कि वह अपने ईंट भट्टे में फा*यरिंग गतिविधियों को 1 जनवरी से 30 जून के मध्य ही करें, अन्यथा उल्लंघन करने वाले ईंट भट्टा उद्योगों पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।