उपखंड मलारना डूंगर के निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों की एक बैठक कस्बे स्थित एक विद्यालय में आयोजित की गई। जिसमें प्रदेश के शिक्षा मंत्री द्वारा निजी शिक्षण संस्थानों को सत्र 2020-21 में पढ़ाई नहीं तो आरटीई का भुगतान नहीं वाले बयान की कड़े शब्दों में भर्त्सना की गई।
निजी शिक्षण संस्थान संघ मलारना डूंगर के अध्यक्ष महेश शर्मा ने बताया की राज्य सरकार द्वारा निजी विद्यालयों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने बताया की प्रवेश के लिए जहां शाला दर्पण पोर्टल खुला है वही पीएसपी पोर्टल को बंद कर दिया गया है। आरटीई भुगतान के लिए बनाए बिल में एक नाम में गलती हो तो पूरे बिल को रोक दिया जाता है। इस प्रकार सोची समझी रणनीति के तहत राज्य सरकार निजी विद्यालयों को बंद करवाने की नीति पर चल रही है। इसके विरोध के लिए प्रदेश स्तर पर विरोध प्रदर्शन के लिए रणनीति बनाई जा रही है। आगामी 28 दिसम्बर को पूरे राजस्थान में जिला स्तर पर शिक्षा मंत्री के बयान के विरोध में धरना दिया जाएगा।
बैठक में हाफिज माहिर, भवानी सिंह पुर्विया, मोहम्मद हारून, हरिशंकर पुर्विया, रामधन कुम्हार, श्यामलाल पुर्विया, हरिप्रसाद पुर्विया, साबिर, उमाशंकर शर्मा के साथ ही बड़ी संख्या में संचालक उपस्थित रहे।