जयपुर: एसीबी मुख्यालय के निर्देश पर एसीबी की अलग-अलग टीमों ने टोंक में सुल्तान सिंह मीणा मुख्य प्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र, टोंक के आवास पर छापामार कार्यवाही करते हुए सुल्तान सिंह एवं अजय खण्डेलवाल वरिष्ठ सहायक, जिला उद्योग केन्द्र, बूंदी को एक लाख रुपये सं*दिग्ध रि*श्वत राशि लेते – देते गिर*फ्तार किया गया है। इस प्रकरण में संलिप्त आरोपी जयंत जैन चार्टेड अकाउंटेंट निवाई, टोंक को भी पकड़ा गया है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि एसीबी मुख्यालय को एक गोपनीय सूत्र-सूचना इस आशय की प्राप्त हुई कि जिला उद्योग केन्द्र टोंक में पदस्थापित मुख्य प्रबंधक सुल्तान सिंह मीणा द्वारा जिला उद्योग केन्द्र, बूंदी के वरिष्ठ सहायक अजय खण्डेलवाल के माध्यम से विभिन्न ओद्योगिक विकास योजनाओं में गलत रिपोर्ट बनाने, गलत लोन पास करने, फर्जी बिलों के आधार पर अयोग्य व्यक्तियों को अनुचित लाभ पहुंचाने की एवज में रि*श्वत राशि का लेन-देन कर रहे हैं।
जिस पर एसीबी मुख्यालय स्थित तकनीकी शाखा के उप अधीक्षक पुलिस राजेश दुरेजा की टीम द्वारा तकनीकी एवं गोपनीय रूप से शिकायत का सत्यापन किया गया। एसीबी जयपुर के उप महानिरीक्षक पुलिस रणधीर सिंह के सुपरवीजन में सत्यापन से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर एसीबी टोंक इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक झाबरमल, एसीबी इकाई भीलवाड़ा के उप अधीक्षक पुलिस पारसमल एवं एसीबी एसआईयू इकाई, जयपुर के पुलिस निरीक्षक सज्जन कुमार की टीमों द्वारा कार्यवाही करते हुए आरोपी सुल्तान सिंह मीणा मुख्य प्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र, टोंक एवं अजय खण्डेलवाल वरिष्ठ सहायक, जिला उद्योग केन्द्र, बूंदी को एक लाख रुपये सं*दिग्ध रि*श्वत राशि लेते-देते गिर*फ्तार किया।
मामले में संलिप्तता के आधार पर आरोपी जयंत जैन चार्टेड अकाउंटेंट निवाई, टोंक को भी पकड़ा गया है। आरोपी अजय खण्डेलवाल के टोंक स्थित निवास की तलाशी में 6 लाख रुपये से अधिक की सं*दिग्ध राशि भी बरामद की गई है। एसीबी जयपुर की अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस स्मिता श्रीवास्तव के निर्देशन में आरोपियों से पूछताछ तथा कार्यवाही जारी है। एसीबी द्वारा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जाएगा।