जिले की पुलिस ने बीडीओ की एसएसओ आईडी हैक कर स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण के लिए मिलने वाली राशि का राज्य स्तर पर 13 जिलों में लाखों रूपयों का अपने खातों में ट्रांसफर कर गबन करने वाली अन्तर्राज्यीय गैंग के मुख्य सरगना को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार दीपचन्द विकास अधिकारी पंचायत समिति मलारना डूंगर ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि पंचायत समिति मलारना डूंगर के अन्तर्गत स्वच्छ भारत मिशन योजना में निर्मित कराये जाने वाले व्यक्गित शौचालय के लाभार्थियों को प्रति लाभार्थी 12000 रूपए राशि का भुगतान ऑनलाईन प्रक्रिया से योजना के राज्य स्तरीय खाते से किया जाता है जो ओटीपी के माध्यम से होता है। लेकिन चार लाभार्थियों का भुगतान बिना ओटीपी आए फर्जी तरीके से हो गया।
इस पर प्रकरण 73/2022 धारा 420, 120बी आईपीसी व 66सी, 66डी आईटी एक्ट में दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया था। पुलिस ने बताया कि अन्य जिलों में पंचायत समितियों में भी इसी तरह के मामले सामने आने पर मामले की जांच के लिए सरकार ने एसओजी को भी निर्देशित किया था। मामले में मुख्य आरोपी शिशपाल उर्फ सुभाष जाणी पुत्र बाबूराम बिश्नोई निवासी राजीव नगर बरजासर थाना लोहावट जिला जोधपुर ग्रामीण को प्रोडक्शन वारन्ट के जरिए जिला कारागृह भीलवाड़ा से गिरफ्तार किया गया।
शिशपाल व इसके साथी कोजाराम व गोरधन राम ने मिलकर अवैध तरीके से राजस्थान के कई पंचायत समितियों के खण्ड विकास अधिकारियों की एसएसओ आईडी व पासवर्ड प्राप्त कर एसएसओ आइ्रडी के माध्यम से ई-पंचायत व एसबीएम के सर्वर में प्रवेश कर केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय निर्माण हेतु दी जाने वाली सब्सिडी राशि 12000 रूपये प्रत्येक को अपने व अपने परिवार व सहयोगियों के बैंक खातों में सरकारी राज्य स्तरीय बैंक खाते से लाखों रूपये ऑनलाईन ट्रांसफर कर निकाल लिए। मुख्य आरोपी व गोरधन राम दोनों ग्राम पंचायत में नरेगा में मेट का काम करते थे।
इस कारण इनका पंचायत समिति फलौदी (जोधुपर) व घंटियाली (जोधुपर) में आना जाना था जहां से इन्होनें प्रक्रिया को समझा व बीडीओ एसएसओ आईडी व पासवर्ड चुराये। इसके अतिरिक्त आरोपी की ई-मित्र की दुकान है जिससे ये सरकारी कार्यों को कम्प्यूटर पर करने में माहिर हैं। तीनों ने मिलकर जिला टोंक, अजमेर, भीलवाड़ा, सवाई माधोपुर, अलवर, पाली, जोधपुर, जैसलमेर, गंगानगर, दौसा, बीकानेर, बांसवाड़ा एवं भरतपुर व अन्य जिलों की पंचायत समितियों से लाखों रूपयों की राशि का गबन किया गया है। इनके विरूद्ध पूर्व मे धोखाधड़ी, गबन, बलात्कार व परीक्षा अधिनियम के मामले राज्य के लगभग 13 जिलों के 17 पुलिस थानों में दर्ज हैं।
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