वर्षाकाल के दौरान खरीफ फसलों में कीट रोगों का प्रकोप बढ़ जाता है, ऐसी स्थिति में समय पर रोकथाम के उपाय करना जरूरी है, संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार रामराज मीना ने किसानों को कीट-रोगों के उपाय करने की एडवाइजरी जारी की है। संयुक्त निदेशक ने बताया कि हल्की बालू मिट्टी वाले क्षेत्रों में उगने वाली खरीफ की फसलों के लिए सफेद लट सबसे बड़ी दुश्मन है। फसलों को इस कीट का प्रोढ (भृंग) व लट दोनों ही अवस्था हानि पहुंचाती है। सफेद रंग की इस लट का सिर भूरा तथा जबड़े शक्तिशाली होत है। यह लट बहुभक्षि है जो प्रायः खरीफ की फसलों बाजरा, मूंगफली, मूंग, मौठ, सब्जियों आदि की जड़ों को काटकर हानि पहुंचाती है। उन्होंने बताया कि प्रारम्भिक अवस्था वाली सफेद लटे भूमि के अन्दर रह कर जीवित पौधों की सूक्ष्म जड़ों को खाती है। द्वितीय एवं तृतीय अवस्था वाली लटे मुख्य जड़ो को काटती है। मूंगफली के पौधों में एक ही जड़ होने के कारण इस फसल में अत्याधिक नुकसान होता है। लट द्वारा जड़ को काट देने से पौधे पीले पड कर सूखने लगते है।
सफेद लट का समन्वित प्रबंधन:- संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार ने बताया कि इस विनाशकारी कीट के प्रकोप से खरीफ की फसलों को बचाने के लिए दो तरह के उपाय किए जा सकते है। पहला जब कीट वयस्क अवस्था में पौषी वृक्षों पर हो और दूसरा जब लट की प्रथम अवस्थान में हो।
शस्य व यांन्त्रिक नियन्त्रण:- खेत की गर्मी में जुताई सुबह के समय मिट्टी पलटने वाले हल से करें, मई में खेतों के आस पास के पेड़ों की अधिकतर टहनियां काट दें, मानसून की पहली वर्षा होते ही प्रति हैक्टर 3 से 4 प्रकाश प्रपंच का शाम को 8 बजे से 11 बजे तक उपयोग करें। मादा कीट के अण्डे देने के बाद यह प्रयास प्रभावी नहीं होगा। मानसून की पहली वर्षा के बाद प्रोढ को नष्ट करने के लिए फेरोमनट्रेप का उपयोग करें।
जैविक नियऩ्त्रण:- एक किलोग्राम विवेरिया ब्रोगनियटी एवं 1 किलोग्राम मेटाराईजिक एनसेप्ली को 50 किलोग्राम गोबर की सडी हुयी खाद में मिलाकर 10 दिन तक छायां में सुखाये एवं प्रति ऐकड बुवाई पूर्व प्रयोग करें। ये फफूद इस कीट की लट को बड़े प्रभावी ढंग से मारती है।
रासायनिक नियन्त्रण:- जून, जुलाई में बुवाई के समय मूंगफली के बीजों को क्लोथियानिडिन 50 डब्लू.डी. 2 ग्राम या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. 3 मिलीलीटर या क्यूनालफॉस 25 ई.सी. 25 मिलीलीटर प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें। दूसरी फसलों में बुआई के समय 2 लीटर क्यूनालफॉस 25 ई.सी. 300 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. बीज के धोरों मे डाले। इस लट के नियन्त्रण का सर्वाेत्तम उपाय प्रोढ भ्रगों की अवस्था को नष्ट करना है। मानसून की पहली वर्षा होते ही परपोषी पेड पौधों पर इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. 1.5 मिलीलीटर या क्यूनालफॉस 25 ई.सी. 2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी का छिडकाव करें। खड़ी फसल पर लट नियन्त्रण के लिए प्रति हैक्टर 4 लीटर क्लोरोपाईरीफॉस 20 ई.सी. सिंचाई के पानी के साथ उपयोग करे। बारिश के पानी पर निर्भर फसल में कीटनाशक युक्त मिट्टी या बजरी को जड़ो के पास उस समय भरकें जब वर्षा आने वाली है।