अंजुमन तरक्की ए उर्दू सवाई माधोपुर के तत्वाधान में दर्सगाह स्कूल शहर सवाई माधोपुर में एक ऑल इंडिया मुशायरा का आयोजन किया गया। जिसमें मकामी शायरों के साथ देश प्रदेश से चुनिंदा शायरों ने अपना कलाम पेश कर शदीद सर्द रात में भी श्रोताओं को दाद देने पर मजबूर कर दिया और खूब तालियां बटोरी। मुशायरे में आगरा उत्तर प्रदेश से वरिष्ठ शायर अनवर अमान ने हर नजर बदहवास हे आजा शाम से दिल उदास ही आजाद गजल पेश कर महफिल के खूबसूरत माहोल में और चार चांद लगा दिए। वहीं बेहतेड़ से वरिष्ठ शायर सरफराज बज्मी ने घट गए पेड़ नीम के लेकिन तल्खिया बड़ गई घरानों में जिस्म में बड़ गई शकर बज्मी और कड़वाहट जबानों में पड़कर आज के माहौल की तर्जुमानी की।
इसी तरह अरविंद अजान ने सुनकर भी अनसुना किसे तू कर रहा हैं अब शायद तुझे आजान का मतलब नहीं पता, अय्यूब बिस्मिल ने पनाह मांगले दरिया भी फिर यकीं जानो अगर निचोड़ कर होंटो से तिश्नगी रख दु, रेहान फारूकी ने बस यही सोच के रेहान लरज जाता हूं गैर के दर पे ना झुक जाए कही सर मेरा, रईस जैदी ने जुल्म सहते ही रहे मुंह का बोले कुछ भी खूब उलझन हैं किस तरह गवारा हुआ, मजीद शफदर ने शमसो कमर का तारो का जिस से जहूर हैं नादान चाहते हे मिटा दे फलक वहीं, एजाज शिहाब ने मेरे सीने पे इस तरह मेरी जां वार करती हैं के सब कहते हैं उसके है या हे खरगोश के नाखून पड़ तालियों की गड़गड़ाहट को और रफ्तार दी। मुशायरे में काजी निसाररुल्ला निसार, इस्लामुल्ला, असलम खालिक, शाइक इकबाल खुस्तर, प्रो रियाज बूंदी, अमीर हुसैन अमीर, रफिक शियोपुरी, शरीफ पटेल, रजा शैदायी जैसे मशहूर शायरों ने भी अपना कलाम पेश कर खूब दाद हासिल की।