मलेरिया और मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा एंटी लार्वा गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. धर्मसिंह मीना ने बताया कि जिले में मलेरिया क्रेश कार्यक्रम का प्रथम चरण 1 अप्रैल से 14 मई, 2024 तक आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के दौरान प्रभावित क्षेत्र में आशाओं की टीम बनाकर एएनएम एवं सीएचओ द्वारा घर-घर सर्वे कर मच्छरों की रोकथाम के लिए एन्टीलार्वल, एन्टीएडल्ट तथा सोर्स रिडक्शन व आईईसी गतिविधियां की जा रही हैं। जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रत्येक रविवार को सूखा दिवस मनाया जा रहा है। इस दौरान आमजन को दैनिक उपयोग में लिए जा रहे कूलर, फ्रिज की ट्रे, पक्षियों के परिन्डे को खाली कर सुखाने व मच्छर जनित रोगों से बचाव के बारे में जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ ही विभागीय टीमों द्वारा पानी की टंकियों को खाली व साफ करवाया जा रहा है, साफ पानी मे टेमिफॉस डाला जा रहा है। पानी भराव क्षेत्र में एएनएम/आशा/सीएचओं द्वारा एमएलओ डाला जा रहा है ताकि मच्छरों के लार्वा को नष्ट किया जा सकें। इस कार्यक्रम के संबंध में जिले के सभी चिकित्सा संस्थानों पर पर्याप्त संख्या में दवाईयां व आवश्यक संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने एवं समय पर रोगियों का उपचार करने के लिए सभी संबंधित चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
साथ ही मलेरिया क्रेश कार्यक्रम के तहत राजकीय चिकित्सालयों में मच्छरजनित बिमारियों हेतु मच्छरदानी बैड आरक्षित करते हुए वार्ड को मच्छर रोधी बनाते हुए रोगियों का उपचार गाइड लाइन अनुसार किया जा रहा है और मौसमी बिमारियों के बचाव हेतु आमजन को जागरूक किया जा रहा है। इस दौरान मच्छरों की रोकथाम के लिए बॉयोलोजिकल कन्ट्रोल के तहत चिकित्सा स्थानों पर हैचरी निर्माण करके स्थाई जल स्त्रोतो में गम्बुशिया मछली डाली जा रही है तथा फील्ड सर्वे के दौरान पाये गये बुखार के रोगियों की अधिक से अधिक एक्टिव मलेरिया की स्लाईड ली जा रही है जिससे कि मलेरिया की प्रभावी रोकथाम की जा सके।
मलेरिया से बचने के लिए आमजन भी करें उपाय:- मलेरिया व अन्य मच्छर जनित बीमारियों से बचने के लिये आमजन भी अपने आस पास के क्षेत्रों में पानी का भराव न होने दें, कूलर, फ्रिज की ट्रे, परिंडे, पुराने टायर, टूटे फूटे फर्नीचर, गमलों की ट्रे आदि के नीचे का पानी प्रत्येक सात दिन में खाली कर सुखाए। मच्छरों को रोकने की लिए खिड़की व दरवाजों पर जाली लगाए, पूरी बाहों के कपड़े पहने।