जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा प्रदेश में कोरोना के कारण उत्पन्न लॉकडाउन की स्थितियों और गर्मी के मौसम को देखते हुए राज्य के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध पेयजल आपूर्ति के लिए ‘प्रोएक्टिव’ तरीके से अग्रिम तैयारियों के साथ ठोस कदम उठाए गए हैं।
जलदाय मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने बताया कि जलदाय विभाग एवं राज्य सरकार के स्तर से प्रदेश की पेयजल स्थिति की लगातार मॉनिटरिंग नियंत्रण कक्षों एवं कोविड-19 वार रूम के माध्यम से की जा रही है। प्रदेश में कहीं भी पेयजल सम्बंधी आवश्यकताओं के लिए धन एवं स्वीकृति की कोई समस्या नहीं आने दी जावेगी।
उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण प्रदेश में लॉकडाउन से पूर्व ही राज्य की जनता की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए गर्मियों के मौसम में पेयजल की सम्भावित समस्याओं का आंकलन करते हुए राज्य सरकार द्वारा सभी जिलों के जिला कलक्टर्स को 50-50 लाख की राशि 27 फरवरी को स्वीकृत दी गई है। इससे सम्बंधित जिलों में ग्रीष्म ऋतु के दौरान आने वाली समस्याओं को तात्कालिकता के आधार पर समाधान कर जनता को राहत दी जा सकेगी। सभी 33 जिलों में गर्मी के मौसम में आकस्मिक कार्य के लिए 50 लाख रुपये की इस राशि को जिला कलक्टर्स की अभिशंषा अनुसार आकस्मिक आधार पर स्वीकृति के लिए जलदाय विभाग के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों के अतिरिक्त मुख्य अभियन्ताओं को अधिकृत किया गया है। जिले में पेयजल व्यवस्थार्थ राशि कम पड़ने पर जिलों द्वारा और अधिक राशि की मांग की जा सकेगी। जिला कलक्टर की अनुशंषा अनुसार विभागीय अधिकारियों से प्राप्त आकस्मिक प्रस्ताव जिनमें सूखे नलकूपों के स्थान पर नये नलकूप, किराये पर निजी कुएं लेने, क्षतिग्रस्त पाईप लाईन एवं खराब पम्प सेट को बदलने इत्यादि की स्वीकृति जारी की जा चुकी है एवं इनके विरूद्ध कार्य भी प्रगति पर है। विभाग द्वारा आवश्यकतानुसार अतिरिक्त प्रस्ताव भी स्वीकृत किये जा रहे हैं।
डॉ. कल्ला ने बताया कि प्रदेश के जिन गांवों में स्थानीय स्रोत से पानी उपलब्ध हो रहा है, वहां ट्रैक्टर एवं अन्य साधनों से जल परिवहन के निर्देश जारी किए गए हैं। सभी जिलों में जिला कलक्टर्स की अध्यक्षता में नियमित अंतराल पर होने वाली बैठकों में गर्मी के मौसम में जनता की पेयजल और विद्युत आपूर्ति से सम्बंधित जरूरतों और समस्याओं के बारे में बैठकें आयोजित की जा रही है। इसकी राज्य स्तर से सतत मॉनिटरिंग की जा रही है।
टैंकरों से हो रहा शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जल परिवहन:- जलदाय मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार के स्तर सभी जिलों में पेयजल व्यवस्था के समुचित प्रबंधन के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाओं के बारे में दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। वर्तमान में प्रदेश के 27 शहरों में 1962 टैंकर ट्रिप्स प्रतिदिन से पेयजल परिवहन किया जा रहा है। इसी प्रकार पेयजल की कमी वाले 757 ग्राम/ढाणियों में 640 टैंकर ट्रिप प्रतिदिन से पेयजल परिवहन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में तहसील-वार एवं शहरी क्षेत्रों में शहर-वार पेयजल कार्य की निविदा प्राप्त कर कार्य आदेश दे दिये गये हैं तथा जिला कलक्टर की कमेटी द्वारा पेयजल परिवहन दर भी स्वीकृत की जा चुकी है। सभी जिलों में हर वर्ष की भांति आवश्यकतानुसार पेयजल परिवहन बढ़ा दिया जाएगा।
डॉ. कल्ला ने बताया कि प्रदेश में जल परिवहन की व्यवस्था के लिए अप्रैल से जुलाई 2020 की अवधि के लिए ग्रामीण क्षेत्र में 41 करोड़ तथा शहरी क्षेत्र में 24 करोड़ रुपये की राशि सहित कुल 65 करोड़ रुपये की स्वीकृति 30 मार्च 2020 को जारी कर दी गई थी। सभी जिलों में जल परिवहन की व्यवस्था सम्बंधित जिला कलक्टर की अनुशंषा और सहमति के आधार पर की जाएगी। चार अभावग्रस्त जिलों यथा जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर एवं हनुमानगढ़ में एसडीआरफ के तहत जल परिवहन कराने के लिए भी विशेष निर्देश 23 मार्च 2020 को जारी किए गए हैं।
हैण्डपम्पों की मरम्मत का अभियान जारी:- डॉ. कल्ला ने बताया कि राज्य में 44वां हैण्डपम्प मरम्मत अभियान गत एक अप्रैल से आरम्भ हो चुका है, इसके तहत अब तक 16 हजार 610 हैण्डपम्पों का मरम्मत कार्य कराया जा चुका है। राज्य में इसके अतिरिक्त, वर्ष 2019-20 में ग्रामीण क्षेत्रों में 2 लाख 11 हजार 302 एवं शहरी क्षेत्रों में 32 हजार 147 हैंडपम्पों का मरम्मत कार्य पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा हैण्डपम्प मरम्मत अभियान व जल योजनाओं के संधारण के लिए किराये के 531 वाहन एवं 2500 संविदा श्रमिकों की भी स्वीकृति गत 31 जनवरी को जारी की गई।
ग्रीष्म काल में पेयजल प्रबन्धन की मॉनिटरिंग के लिए विशेष व्यवस्था:- जलदाय मंत्री ने बताया कि सभी जिलों में स्थानीय स्तर पर पेयजल आपूर्ति की मॉनिटरिंग के अतिरिक्त राज्य स्तर से सघन निरीक्षण के लिए समस्त जिलों के लिए मुख्य अभियन्ता (सीई) एवं अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता (एसीई) स्तर के अधिकारियों को प्रभारी बनाया गया है, इन अधिकारियों को नियमित अंतराल पर अपने प्रभार वाले जिलों का दौरा कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट उच्च स्तर पर भिजवाने की व्यवस्था भी लागू की गई है। इस सम्बंध में गत अप्रैल माह के प्रथम पखवाड़े में ये सीई और एसीई स्तर के अधिकारी अपने प्रभार वाले जिलों का दौरा कर चुके है। इनके द्वारा समस्याग्रस्त क्षेत्रों की विजिट कर प्रकरणों के मौके पर ही समाधान का प्रयास किया गया है।
पेयजल समस्या के निदान के लिए थ्री-टियर सिस्टम:- डॉ. कल्ला ने बताया कि कोरोना के कारण लॉकडाउन अवधि तथा गर्मियों के मौसम में जनता की पेयजल सम्बंधी शिकायतों की सुनवाई और उनके समयबद्ध निस्तारण के लिए थ्री-टियर सिस्टम से मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके लिए सभी जिलों के अलावा राज्य स्तर पर भी नियंत्रण कक्ष स्थापित है, जो लगातार 24 घंटे एक्टिव मोड पर कार्य कर रहे हैं। सभी जिलों में स्थापित नियंत्रण कक्ष अपने स्तर पर दूरभाष पर प्राप्त होने वाली शिकायतों का समाधान करते है। इसके अलावा राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष भी जयपुर के जल भवन में स्थापित है। राज्य स्तरीय नियंत्रण द्वारा सभी जिलों के नियंत्रण कक्षों की मॉनिटरिंग की जा रही है, साथ ही इसमें प्राप्त शिकायतों को जिला स्तरीय नियंत्रण कक्षों को भेजकर उनका समाधान कराया जा रहा है। इसके अलावा तीसरे स्तर पर विभाग के विशिष्ट सचिव के स्तर से वॉटसएप ग्रुप के माध्यम से सभी जिलो में कार्यरत विभाग के अधिकारियों से प्रतिदिन व्यक्तिगत रूप से रिपोर्ट एवं फीडबैक लिया जा रहा है। इस वाटस एप ग्रुप के माध्यम से पेयजल आपूर्ति, जल परिवहन और जन शिकायतों के निवारण की लगातार मॉनिटरिंग हो रही है।
पेयजल योजनाओं के लिए पर्याप्त बजट आवंटित:- जलदाय मंत्री ने बताया कि राज्य में पेयजल योजनाओं के निर्बाध रूप से संचालन एवं संधारण के लिए पर्याप्त बजट आवंटन किया जा चुका है। राज्य की जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के संकल्प के साथ वर्ष 2020-21 में पेयजल योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए कुल 4997.44 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया हैं। राज्य निधि में वर्ष 2020-21 में शहरी क्षेत्रों में राशि रुपये 1041.48 करोड़, ग्रामीण क्षेत्रों के लिए राशि रूपये 3099.95 करोड़ तथा केन्द्रीय सहायता मद में राशि रूपये 856 करोड़ का प्रावधान पेयजल योजनाओं एवं कार्याे के क्रियान्वयन के लिए रखा गया हैं।
कोविड-19 के मद्देननजर विशेष सतर्कता:- डॉ. कल्ला ने बताया कि राज्य सरकार एवं विभाग द्वारा गर्मियों के मौसम को देखते हुए अग्रिम स्तर पर ही सभी आवश्यक स्वीकृतियां जारी की जा चुकी हैं। सभी विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी ग्रीष्मकाल में पेयजल की समस्या विशेषकर कोविड-19 के मद्देनजर विशेष रूप से सजग एवं सतर्क होकर अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। इस कठिन अवधि में भी विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी समर्पित भाव से अपना पूर्ण योगदान दे रहे हैं। विभाग एवं सभी जिलों में जिला प्रशासन के सभी अधिकारियों को मुख्य सचिव के द्वारा अलग से 27 मार्च को विशेष दिशाकृनिर्देश जारी किए गए हैं।