राहुल गांधी ने बुधवार को दौसा जिले के लालसोट के बगड़ी गांव में नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आरएसएस और भाजपा की डर फैलाने की योजनाएं हैं। उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा इसी डर एवं नफरत के खिलाफ खड़ा होना है। ये यात्रा हमने शुरू की, इसका लक्ष्य भारत को जोड़ने का था। कन्याकुमारी से कश्मीर, ये यात्रा चलेगी और ये 2-3 मुद्दों को उठाने के लिए हम चल रहे हैं। एक आंकडा मैं आपको देना चाहता हूं, जिससे आपको सब बात समझ आ जाएगी। हिन्दुस्तान के 100 सबसे अमीर लोगों के पास उतना ही धन है, जितना हिन्दुस्तान के 55 करोड़ लोगों के हाथ में है। हिन्दुस्तान का आधा धन सिर्फ 100 लोगों के पास है और इन 100 लोगों के लिए हिन्दुस्तान चलाया जाता है, अगर आप उससे भी गहराई में जाना चाहते हैं तो आप उन 100 लोगों को भी छोड़ दीजिए। उनमें से 4-5 ऐसे लोग हैं, जिनको आज आप हिन्दुस्तान के महाराजा कह सकते हो, राजा कह सकते हो। पूरी की पूरी सरकार, पूरा मीडिया, सारे ब्यूरोक्रेटस इनके इशारे से काम करते हैं, नरेंन्द्र मोदी भी इन्हीं के इशारे से काम करते हैं, जो ये कहते हैं वो नरेन्द्र मोदी हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री करते हैं। इन्होंने कहा कि जो छोटे व्यापारी हैं, जो मिडिल साइज व्यापारी हैं, उनको खत्म करना है। इन्होने नरेन्द्र मोदी जी को इशारा दिया और नरेंन्द्र मोदी ने एक के बाद एक निर्णय लेने शुरू कर दिए। नोटबंदी, भाईयों और बहनों ये पॉलिसी नहीं है, ये हथियार है। ये हिन्दुस्तान के छोटे व्यापारियों को, मिडिल साईज बिजनेस चलाने वालों को, ये दुकानदारों को खत्म करने का हथियार है। दूसरा हथियार- गलत जीएसटी। आज मुझे सड़क पर बताया गया कि अगर कोई व्यापारी गुड़, बेसन अगर 25 किलो से कम बेचता है, तो उस पर जीएसटी लागू हो जाती है, मगर यदि 25 किलो से ज्यादा बेचता है, उस पर जीएसटी नहीं लगती।
तो जहां भी ये छोटे व्यापारियों को मार सकते हैं, खत्म कर सकते हैं ये पूरा का पूरा दम लगाकर कर देते हैं। लक्ष्य है कि जो हिन्दुस्तान के छोटे व्यापारी हैं, जो देश को रोजगार देते हैं, इनको खत्म कर दिया जाए और हिन्दुस्तान के सबसे बड़े 3-4 पूँजीपतियों को देश का पूरा का पूरा धन दे दिया जाए। तो यात्रा का पहला लक्ष्य इसका जो नतीजा आ रहा है, जो 5-7 पूँजीपतियों को पूरा का पूरा देश का धन दिया जा रहा है, इसका नतीजा है कि देश युवाओं को रोजगार नहीं दे पा रहा है। मेरे से कन्याकुमारी से यहां तक हजारों युवा मिले हैं और सारे के सारे मुझे कहते हैं, हमें बीजेपी के, नरेन्द्र मोदी जी के हिंदुस्तान में रोजगार नहीं मिल सकता है। हमने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, आज हम ओला चलाते हैं, ऊबर चलाते हैं या फिर मजदूरी करते हैं। तो ये हालत हिंदुस्तान की है। जो गरीब लोग हैं, वो बेरोजगार हैं, उनको रास्ता नहीं दिख रहा, उनके सपने पूरे नहीं होते और 5-6 अरबपति हैं, उनको सब कुछ मिल जाता है। एयरपोर्ट्स मिल जाते हैं, पोर्ट्स मिल जाते हैं, सड़क भी वही बनाते हैं, खेती भी वो करना चाहते हैं, इन्फ्रास्ट्रक्चर भी वो बनाते हैं, टेलिफोन का सिस्टम भी वो चलाते हैं, सारा का सारा उनके हाथ में है और इससे देश को बहुत गहरी चोट पड़ रही है। तो पहला मुद्दा भारत जोड़ो यात्रा का बेरोजगारी के खिलाफ़ खड़े होने का है। हर किसान मुझे यही कहता है, महंगाई बढ़ती जा रही है। हमारी माताएं-बहनें आई हैं, सबसे बड़ी चोट इनको पड़ती है। आप मुझे बताइए, यूपीए के समय गैस सिलेंडर का क्या दाम था? क्या दाम था? (जनता ने कहा- 400 रुपए) 400 रुपए। आज क्या दाम है? (जनता ने कहा-1,100 रुपए), 1,100 रुपए। पेट्रोल का क्या दाम था, (जनता ने कहा- 60 रुपए प्रति लीटर), आज क्या दाम है (जनता ने कहा- 110 रुपए)। डीजल का क्या दाम था? (जनता ने कहा- 55 रुपए)। आज क्या दाम है? (जनता ने कहा- 93 रुपए) ये। तो पूरा हिंदुस्तान जानता है, मगर आपको एक और सवाल पूछना चाहिए। ये जो पैसा आपकी जेब में से निकल रहा है, सिलेंडर का पैसा, पेट्रोल का पैसा, डीजल का पैसा, ये कहाँ जा रहा है? ये किसकी जेब में जा रहा है? ये किसके हाथों में जा रहा है? ये वही 5 पूँजीपतियों के हाथ में जा रहा है।
सारा का सारा धन आपकी जेब में से निकाला जाता है, किसानों के परिवारों की जेब में से निकाला जाता है और इन्हीं 5 लोगों को दिया जाता है, ये दूसरा मुद्दा है। इंटर्नेशनल मार्केट में तेल के दाम गिरे हैं, मगर हिंदुस्तान में तेल के दाम, पेट्रोल के दाम कभी नहीं गिर सकते। इस देश में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ते जाएंगे। इंटर्नेशनल मार्केट में जहां से हम खरीदते हैं, वहां पर दाम घटते जा रहे हैं और हिंदुस्तान में दाम बढ़ते जा रहे हैं, फायदा किसको, उन्हीं 2-3 उद्योगपतियों को, अरबपतियों को। तो दूसरा मुद्दा महंगाई का मुद्दा है और इससे सब गरीब लोगों को चोट पहुंचती है। किसानों को, मजदूरों को, छोटे व्यापारियों को, स्मॉल और मीडियम बिजनेस चलाते हैं, उनको, सबको चोट पहुंचती है। तीसरा मुद्दा, जो नफरत का मुद्दा है। आरएसएस और बीजेपी उनकी योजनाएं, डर फैलाने की योजनाएं हैं। नोटबंदी का लक्ष्य हिंदुस्तान की जनता के दिल में डर फैलाने का था। गलत जीएसटी, छोटे व्यापारियों को डराने की योजना है। जो आज बेरोजगारी है, उससे डर बढ़ता जा रहा है और इस डर का फायदा सिर्फ बीजेपी और आरएसएस को होता है, क्योंकि वो इस डर को नफ़रत में बदलते हैं। उनका काम ही डर को नफ़रत में बदलने का है। उनके पूरे-पूरे संगठन यही काम करते हैं।
देश को बांटने का काम करते हैं, नफ़रत फैलाने का काम करते हैं और डर फैलाने का काम करते हैं और इसलिए भारत जोड़ो यात्रा का तीसरा लक्ष्य और शायद सबसे जरुरी लक्ष्य देश में जो डर फैलाया जा रहा है, नफ़रत फैलाई जा रही है, उसके खिलाफ़ खड़े होना है। भाईयों और बहनों, मैं आपसे पूछता हूँ, आपके परिवार में अगर लड़ाई हो, भाई, भाई से लड़े, बेटा, पिता से लड़े, माता, बेटी से लड़े, तो क्या उस परिवार को फायदा मिलता है, फायदा होता है, परिवार को कभी? ऐसा कोई परिवार है, जो बांटा गया, जिसमें लड़ाई हुई, जिसमें नफ़रत है और वो आगे बढ़ गया, कोई है ऐसा परिवार? एक परिवार नहीं मिलेगा आपको। तो अगर परिवार को नफरत और हिंसा से फायदा नहीं होता, तो देश को कैसे होगा। तो भाईयों और बहनों, देश कमजोर हो रहा है और इस कमजोरी का फायदा देश के दुश्मन उठाएंगे। इस कमजोरी का फायदा, जो देश का भला नहीं चाहते हैं, वो उठा रहे हैं। इसलिए हमने देश को जोड़ने की यात्रा कन्याकुमारी से श्रीनगर तक की यात्रा, श्रीनगर में तिरंगा फहराने की यात्रा हमने शुरू की है और ये यात्रा श्रीनगर तक जाएगी।