आईपीडी टावर के निर्माण से मरीजों को मिलेगा गुणवत्तापूर्ण इलाज
जयपुर:- मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार प्रदेश में हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देने के लिए प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रही है। राज्य सरकार जयपुर स्थित सवाई मानसिंह अस्पताल परिसर में देश के सबसे ऊंचे अस्पताल का निर्माण करवा रही है। नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा की अध्यक्षता एवं चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर की उपस्थिति में मंगलवार को एम्पावर्ड कमेटी की बैठक सम्पन्न हुई।
बैठक में आईपीडी टॉवर पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में चिकित्सा मंत्री द्वारा आईपीडी टॉवर को 24 मंजिला ही बनाने की आवश्यकता जताई गई। इसके लिए आवश्यक वित्त प्रबन्धन शीघ्र करने का आश्वासन दिया। बैठक में चिकित्सा विभाग द्वारा आईपीडी टॉवर के लिए कम से कम 600 कारों की अतिरिक्त पार्किंग की आवश्यकता भी जताई गई।
इस संबंध में अस्पताल प्रशासन, जविप्रा एवं पीडब्ल्यूडी द्वारा संयुक्त मौका निरीक्षण कर विभिन्न प्रस्तावों की रिपोर्ट बनाने के निर्देश प्रदान किए गए है। नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने फिजीबिलेटी रिपोर्ट एक सप्ताह में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। फिजीबिलेटी रिपोर्ट के बाद ही मोर्चरी एवं पार्किंग बिल्डिंग ड्राईंग अनुमोदित की जाएगी। उन्होंने कहा कि एसएमएस अस्पताल प्रशासन को 30 जून, 2024 तक आईपीडी टॉवर की सभी ड्राईंग का अनुमोदन के निर्देश दिए।
इस टाईमलाईन के बाद किसी अन्य ड्राईंग/नक्शे पर विचार नहीं किया जाएगा। नगरीय विकास मंत्री ने अधिकारियों को जयपुर विकास प्राधिकरण को योगदान राशि ट्रांसफर करने के निर्देश दिए। बैठक में आईपीडी टॉवर की उंचाई पर भी चर्चा की गई। इस संबंध में सर्वसम्मति से आईपीडी टॉवर की उंचाई 24 मंजिला रखने का निर्णय लिया गया। बैठक में आईपीडी टॉवर को तीव्रगति से पूर्ण किये जाने पर भी चर्चा हुई। इस संबंध में यूडीएच मंत्री द्वारा विभिन्न दिशा-निर्देश प्रदान किये। बैठक में बताया गया कि कॉर्डियोलोजी बिल्डिंग का निर्माण 31 अगस्त, 2024 तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
इस संबंध में अस्पताल प्रशासन द्वारा जेडीए को आवश्यक भूमि शीघ्र उपलब्ध करवाने एवं उनकी निविदाओं को शीघ्र स्वीकृत कराने के निर्देश दिए। जेडीसी मंजू राजपाल ने बताया कि प्रोजेक्ट का 67 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका हैं। भूमिगत एवं भूतल ढांचा, 03 सर्विस तल का ढॉंचा, 14 मंजिल ढांचे का 60 प्रतिशत कार्य, मुख्य कोर (सीढ़ी, रेम्प व लिफ्ट क्षेत्र) 19वीं मंजिल तक (80 प्रतिशत पूर्ण) एवं विद्युत व फिनीशिंग इत्यादि का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि निर्माणकर्ता एजेंसी को प्रोजेक्ट का कार्य बूस्ट करने हेतु निरन्तर भुगतान की आवश्यकता रहती है।
इस संबंध में अन्य विभागों से अपेक्षित योगदान राशि प्राप्त की जानी प्रस्तावित है। उल्लेखनीय है कि आईपीडी टॉवर का निर्माण कार्य तेजी से करवाया जा रहा है। यह आईपीडी टॉवर अत्याधुनिक मेडिकल सुविधाओं से युक्त होगा। 24 मंजिला इस टावर में 1243 बैड की क्षमता होगी। एयर एंबुलेंस के लिए हेलीपैड, आईपीडी टॉवर में हेलीपैड से लेकर अत्याधुनिक ओटी, सुपर लग्जरी कॉटेज समेत तमाम सुविधाएं होंगी। 1243 बैड्स में 792 जनरल, 150 कॉटेज, 166 आईसीयू और 92 प्रीमियम बैड होंगे। इसके अलावा डबल बेसमेंट पार्किंग, मरीज परिजन के लिए दो बड़े वेटिंग हॉल, मेडिकल साइंस गैलेरी, 20 ऑपरेशन थिएटर, फूडकोर्ट के अलावा रेडियो और माइक्रोबायोलॉजी जांच संबंधित एडवांस लैब होंगी।
इस पूरे प्रोजेक्ट को 2 फेज में पूरा किया जा रहा है। देश में अपनी तरह का यह पहला टॉवर होगा, जहां अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी। एसएमएस अस्पताल में आउटडोर मरीजों की संख्या प्रतिदिन करीब 15 हजार है, ऐसे में इसके बनने के बाद इलाज के लिए एसएमएस आने वाले मरीजों को राहत मिलेगी और उन्हें समस्त सुविधाएं एक बिल्डिंग में उपलब्ध होंगी। जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में आईपीडी टावर बनाया जा रहा है ताकि कोई भी मरीज गुणवत्तापूर्ण उपचार से वंचित ना हो और सरकारी अस्पताल में ही बेहतरीन इलाज मिल सके।
टावर के निर्माण से प्रदेश के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों से आने वाले मरीजों को भी अच्छा इलाज मिल सकेगा। टावर के भूतल में अत्याधुनिक मोर्चरी का निर्माण होगा। टॉवर की छत पर गंभीर मरीजों के लिए एयर एंबुलेंस हेलीपैड बनाया जाएगा। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव, चिकित्सा विभाग शुभ्रा सिंह, प्रमुख शासन सचिव,नगरीय विकास विभाग, टी.रविकान्त, प्रिसिंपल एसएमएस, निदेशक (अभियांत्रिकी) देवेन्द्र गुप्ता, निदेशक अभियांत्रिकी यूडीएच अशोक चौधरी, जेडीए एवं चिकित्सा विभाग के संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।