वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज गुरुवार को मोदी सरकार का अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि, “सर्वाइकल कैंसर के ख़िलाफ़ 9 से 14 साल की लड़कियों के वैक्सीनेशन को सरकार प्रोत्साहित करेगी। पिछले महीने ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि वो देश में सर्वाइकल कैंसर के मामलों पर क़रीबी से निगरानी कर रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन या डब्लयूएचओ के अनुसार सर्वाइकल कैंसर के 95 फ़ीसद से ज्यादा मामलों का कारण ह्यूमन पेपिलोमा वायरस या एचपीवी होता है। सर्वाइकल कैंसर के ख़िलाफ़ सीरम इंस्टीट्यूट ने एक मेड इन इंडिया वैक्सीन CERVAVAC विकसित की है, जो खुले बाज़ार में 2000 रुपये प्रति डोज़ उपलब्ध है। जून में नेशनल टेक्निकल एडवाइज़री ग्रुप ऑन इम्युनाइज़ेशन ने जून 2022 में एचपीवी वैक्सीन (9-14 साल की लड़कियों को) के एक बार दिए जाने वाले सार्वभौमिक टीकाकरण का सुझाव दिया था।
भारतीय महिलाओं में दूसरा सबसे बड़ा कैंसर:-
दिल्ली स्थित वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सरिता श्यामसुंद के अनुसार, भारत में एक लाख महिलाओं में से 20 महिलाओं में इस कैंसर के मामले सामने आते हैं। हालिया अनुमानों के अनुसार, हर साल भारत में औसतन 80,000 महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के मामले सामने आते हैं और औसतन 35,000 की मौ*तें होती हैं।
ग्लोबोकेन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, साल 2018 में पूरे भारत से एक साल में सर्वाइकल कैंसर के एक लाख मामले सामने आए और 60-62 हज़ार महिलाओं की मौ*त हुई थी। दुनिया में भारत में महिलाओं की 16 प्रतिशत आबादी है, लेकिन यहां सर्वाइकल कैंसर के मामले पूरे विश्व का एक चौथाई है और वैश्विक सर्वाइकल कैंसर मौ*तों में यह तीसरे नंबर पर है।
(सोर्स : बीसीसी न्यूज हिन्दी)