जयपुर: राजस्थान के हर जिलों में अब अवैध माइनिंग के खिलाफ कॉल सेंटेर बनाएं जाएंगे। इन कॉल सेंटर की सहायता से अवैध माइनिंग की शिकायत दर्ज और उनका तुरंत निस्तारण किया जाएगा। इस कॉल सेंटर पर दर्ज शिकायत पर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जाएगी जो एक्शन लेगी और अवैध माइनिंग को रुकवाएगी।
ये आदेश हाल ही में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने एक केस पर सुनवाई के बाद दिए है। दरअसल, इसी साल मीडिया और अखबारों में आई अवैध खनन की खबरों पर संज्ञान लेते हुए एनजीटी भोपाल ब्रांच ने इस पर सुनवाई की है। जस्टिस शिव कुमार सिंह, सदस्य डॉ. ए. सैंथल वेल ने राज्य सरकार को अवैध माइनिंग पर कार्यवाही करके उसे रोकने के आदेश दिए है।
एनजीटी ने मई में सुप्रीम कोर्ट के जारी आदेशों का जिक्र करते हुए कहा है कि ये काम रोकने की जिम्मेदारी जिला कलेक्टर की है। कलेक्टर की अध्यक्षता में बनी कमेटी जिसमें अलग-अलग विभाग के अधिकारी शामिल हैं। वह अवैध माइनिंग की प्राप्त शिकायतों पर तुरंत एक्शन लेकर उसे बंद करवाए।
इसके लिए एनजीटी ने हर जिले में एक अलग से कॉल सेंटर खोलने के भी आदेश दिए है। इसका टोल फ्री नंबर जारी करने और उस पर दर्ज होने वाली अवैध माइनिंग की शिकायतों को तुरंत इस कमेटी को फोरवर्ड करने के लिए कहा गया है। साथ ही कमेटी को इन शिकायतों पर बिना देर करें एक्शन लेकर अवैध माइनिंग को रोकने की कार्रवाई करनी चाहिए।