मोरपा गांव में खाताधारकों की राशियों के गबन करने का मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने मोरपा डाकघर पर उपभोक्ताओं की सुकन्या एफडी एवं बचत खातों के माध्यम से जमा करवाई हुई रकम हजम करने का आरोप लगाया है। मिली जानकारी के अनुसार गांव मोरपा बांया-मलारना डूंगर तहसील बामनवास सवाई माधोपुर के पोस्ट ऑफिस में खाताधारकों ने सुकन्या योजना, टीडी, एफडी, आरपीएलआई और बचत खाता खुलवा रखे है।
जिसमें खाताधारकों द्वारा समय-समय पर प्रतिमाह पैसे जमा कराते थे। जिसकी एंट्री पासबुक में मयसिल एवं ब्रांच पोस्टमास्टर के हस्ताक्षर है। लेकिन वहां पर कार्यरत पोस्टमास्टर जसराम जब अपनी प्रेमिका की हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार हुआ और जेल भेज दिया गया। लेकिन बाद में जब उपभोक्ता अपने जमा कराए हुए पैसे एवं निकासी के लिए मलारना डूंगर उप डाकपाल के पास पहुंचे तो वहां पता चला कि उनके द्वारा जांच कराए गए लगभग 14 खातों की राशि पासबुक के अनुसार नहीं मिली।
इसके अलावा अभी खाताधारकों की पासबुकें मोरपा डाकघर में ही रखी हुई थी। जिसकी सूचना उपभोक्ताओं ने प्रधान डाकघर अधीक्षक सवाई माधोपुर को दी। लेकिन बाद में (ए.एस.पी डाकघर) गंगापुर सिटी के द्वारा ग्रामीणों की गैर मौजूदगी में डाकघर का ताला खोलकर वहां से रिकॉर्ड उठा लिए गए। खाताधारकों ने डाकघर अधीक्षक से मांग की थी की डाकघर का ताला सरपंच और ग्रामीणों की मौजूदगी में खोला जाएं और जितनी पासबुकें हैं उनकी गिनती उनके सामने की जाएं। साथ ही संबंधित रिकॉर्ड की प्रतिलिपियों पर ग्रामीण व सरपंच के हस्ताक्षर करवाएं।
तब डाकघर अधीक्षक ने आश्वासन दिया था की डाकघर का ताला आपकी मौजूदगी में ही खोला जाएगा। लेकिन बाद में ग्रामीणों की गैर मौजूदगी में ही चोरी-छुपे ताला खोल दिया गया। जिससे उपभोक्ताओं की पासबुकों का उन्हें कोई पता नहीं चला। जिससे खाताधारकों की पासबुकों को गायब करने और पोस्ट ऑफिस द्वारा किए गए गबन को दबाने का अंदेशा है। इस मामले को लेकर खाताधारकों ने डाकघर अधीक्षक सवाई माधोपुर से मांग की है की संबंधित डाकघर की ग्रामीणों के सामने सभी खातों की जांच करवाई जाएं और पोस्ट ऑफिस में जमा कराई गई राशि उपभोक्ताओं को वापस मिले। साथ ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएं।