जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) के डूंगरपुर (Dungarpur) जिले के बदीया उप स्वास्थ्य केन्द्र के ब्लॉक बीछीवाडा का 3 वर्षीय बालक चांदीपुरा वायरस (Chandipura Virus) पॉजिटिव पाया गया है। नेशनल इन्सटीट्यूट ऑफ वायरोलोजी (National Institute of Virology) (एन.आई.वी) पुणे (Pune) से प्राप्त सूचना के अनुसार यह रोगी 12 जुलाई से राजकीय मेडिकल कॉलेज, डूंगरपुर (Government Medical College, Dungarpur) में भर्ती था। लक्षणों के आधार पर इसका सैम्पल एन.आई.वी., पुणे चांदीपुरा (Chandipura) को डायग्नोसिस हेतु भेजा गया था।
रोगी बालक वर्तमान में स्वस्थ बताया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि गुजरात (Gujarat) में चांदीपुरा वायरस रोग का प्रकोप वर्तमान में जारी है, जिसमें संदिग्ध एवं पॉजिटिव चांदीपुरा रोग से अनेक बच्चों की मृ*त्यु भी हुई है। गुजरात के स्वास्थ्य अधिकारियों से 11 जुलाई को सूचना प्राप्त हुई थी कि एक बच्चा गुजरात के हिम्मतनगर में भर्ती है, जबकि एक की पूर्व में मृ*त्यु हो चुकी है।
प्रदेश के गुजरात सीमावर्ती जिलों उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाडा, सिरोही, जालोर में चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश जारी कर सर्वेलेन्स कार्यवाही प्रारम्भ की गयी है। एक्टिव सर्वेलेन्स द्वारा घर-घर सर्वे एवं पेसिव सर्वेलेन्स के अन्तर्गत चिकित्सा संस्थानों में रोग की पहचान, संदिग्ध की जांच, भर्ती/रेफर एवं उपचार, प्रचार-प्रसार, आर.आर.टी. टीम भ्रमण, निजी एवं राजकीय चिकित्सा संस्थानों हेतु दिशा-निर्देश आदि कार्यवाही नियमित जारी है।
प्रदेश के गुजरात सीमावर्ती जिलों से रोजगार सहित अनेक कारणों से आमजन का आवागमन रहता है। चांदीपुरा वायरस रोग महाराष्ट्र के नागपुर जिले के चांदीपुरा गांव में सर्वप्रथम 1965 में पाया गया था। यह रोग 9 से 14 वर्ष के बच्चों में सैन्डफ्लाई नामक मक्खी द्वारा फैलता है। प्रमुख लक्षणों में तेजी से बुखार, उल्टी/दस्त एवं दौरे आना है। चांदीपुरा की जांच सीरम एवं सीएसएफ द्वारा डायग्नोसिस किया जाता है। उपचार लक्षण आधारित होता है और पूरी बाजू के बदन ढकने वाले कपडे पहन कर, मच्छरदानी के उपयोग एवं कीटनाशक के उपयोग से बचाव किया जाता है।