सचिन पायलट के साथ मतभेदों को गंभीर नहीं मानते मुख्यमंत्री गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तीन दिवसीय कर्नाटक दौरे पर हैं। कांग्रेस के समर्थन में गहलोत ने कर्नाटक में अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाई और वादा किया कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार बनने पर राजस्थान जैसी सुविधाएं और राहत मिलेगी। गहलोत के दौरे का कांग्रेस को कितना फायदा मिलता है, यह तो 13 मई को ही चुनाव परिणाम वाले दिन ही पता चलेगा, लेकिन गहलोत ने बेंगलुरु में राजस्थान के संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण बात कही है। राजस्थान में जिन सचिन पायलट की शक्त देखना पसंद नहीं करते, उन्हीं पायलट के संबंध में गहलोत ने कहा कि पायलट के साथ कोई बड़ा मतभेद नहीं है और मतभेदों को मिल बैठ कर सुझा लिया जाएगा।
पार्टी में छोटे मोटे मतभेद तो होते रहते हैं। राजस्थान में भी सात माह बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। गहलोत के पायलट के साथ मतभेद सरकार बनाने के साथ ही रहे हैं। इन मतभेदों के चलते ही अगस्त 2019 में पायलट को 18 विधायकों के साथ एक माह तक दिल्ली में रहना पड़ा तो गत वर्ष 25 सितंबर को अशोक गहलोत कांग्रेस हाईकमान के सामने खाली बगावत करनी पड़ी। यह पहला अवसर रहा है जब गहलोत ने मतभेदों को मिल बैठ कर दूर करने की बात कही है। जानकारों की मानें तो हाईकमान का दबाव है कि अगला विधानसभा चुनाव सचिन पायलट को साथ लेकर ही लड़ा जाए। यानी उम्मीदवारों के चयन में पायलट की राय को प्राथमिकता दी जाए। राजस्थान में अब मुख्यमंत्री पद का तो कोई मुद्दा नहीं रहा है। अब तो टिकट बंटवारे का विवाद है।
दोनों ही गुट ज्यादा से ज्यादा अपने समर्थकों को टिकट दिलाना चाहते हैं। चूंकि हाईकमान का समर्थन सचिन पायलट के साथ है, इसलिए माना जा रहा है कि ज्यादा टिकट पायलट को मिलेंगे। 2018 में पायलट की मेहनत से ही कांग्रेस को बहुमत मिला था। कर्नाटक में दिए गए बयान से प्रतीत होता है कि अब पायलट के प्रति गहलोत की नाराजगी कम हुई है। अपने दौरे में गहलोत ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े से भी मुलाकात की है। इस मुलाकात में भी राजस्थान की राजनीति पर चर्चा हुई है। खडग़े ने भी गहलोत को हाईकमान की मंशा से अवगत करा दिया है।
जन्मदिन कर्नाटक में ही:- अशोक गहलोत आमतौर पर अपना जन्मदिन अपने गृह जिले जोधपुर या फिर जयपुर में मनाते हैं, लेकिन इस बार गहलोत अपने जन्मदिन पर 3 मई को कर्नाटक में रहेंगे। हालांकि पूर्व में कर्नाटक दौरा दो दिन का ही था और गहलोत को 2 मई की रात को ही जयपुर लौटना था, लेकिन अब गहलोत के दौरे में तब्दीली हुई और घोषित कार्यक्रम के अनुसार गहलोत को तीन मई को हुगली में एक चुनावी सभा को संबोधित करना है। जन्मदिन पर राजस्थान में नहीं रहने पर गहलोत समर्थक निराश हुए हैं। हालांकि गहलोत अपने जन्मदिन पर कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं करते, लेकिन फिर भी जोधपुर या जयपुर में अपने शुभचिंतकों से मुलाकात करते हैं। जन्मदिन पर प्रशासनिक अधिकारी भी मुख्यमंत्री को गुलदस्ता देने के लिए तैयार बैठे थे। ऐसे आईएएस और आईपीएस के गुलदस्ते भी धरे रहे गए हैं।