ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में आवेदक का निर्धारित समय सीमा में ही काम पूर्ण करना सुनिश्चित करें, साथ ही निर्धारित प्रक्रिया की भी अक्षरशः पालना सुनिश्चित करें। एक भी व्यक्ति जो ड्राइविंग में दक्ष नहीं है, का लाइसेंस बन जाना उसके स्वयं के साथ ही दूसरे लोगों की भी सड़क सुरक्षा के लिए खतरा है। जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने आज शनिवार को जिला परिवहन कार्यालय के निरीक्षण के दौरान यह निर्देश दिए। उन्होंने कार्यालय परिसर में निर्माणाधीन ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रेक संबंधी कार्य धीमी गति से चलने पर नाराजगी जताई तथा पूर्ण गुणवत्ता और समय सीमा में कार्य पूर्ण करवाने के निर्देश दिये। यहां गत 3 दिन से काम बंद पड़ा है। पीपीपी मोड़ पर संचालित होने वाले इस ट्रैक पर जब लाइसेंस आवेदक वाहन चलाने का टेस्ट देगा तो पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी होगी, सेंसरयुक्त कैमरों से चैक किया जायेगा, ऑटोमेटेड मशीन ही उसका रिजल्ट जारी करेगी, इससे उन्हीं लोगों के लाइसेंस बन पायेंगे जो ड्राइविंग में पूर्ण दक्ष है।
इस कदम से सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी आने की सम्भावना है। निरीक्षक रविदत्त शर्मा ने बताया कि इस ट्रेक पर पेरेलल पार्किंग, एट शेप, एच शेप और ग्रेडिएंट नामक 4 सेंसरयुक्त टेस्ट होंगे। कलेक्टर ने कार्यालय परिसर में रखे कबाड़ और कंडम वाहनों की जल्द से जल्द नीलामी करने, सफाई व्यवस्था को बेहतर करने के निर्देश दिये। उन्होंने सवाईमाधोपुर और गंगापुर सिटी में बनाये जा रहे ड्राइविंग लाइसेंस की औसत दैनिक संख्या, लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया तथा इसमें लगने वाले समय, अवैध बजरी खनन और परिवहन रोकथाम में विभाग द्वारा की जा रही कार्रवाई के संबंध में भी समीक्षा की।