जयपुर में राजस्थान जाट महासभा के अधिवेशन में जाट मुख्यमंत्री बनाने का मुद्दा प्रमुखता से छाया रहा। जाट सीएम बनाने की मांग प्रमुखता से उठाई गई। अधिवेशन में पारित प्रस्ताव में सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधा। अधिवेशन में जाट महासभा अध्यक्ष राजाराम मील ने कहा गहलोत सरकार में हमारे समाज के पांच मंत्री थे लेकिन उनकी चलती नहीं थी। हम हेमाराम चौधरी के पास गए, बेचारा बजुर्ग पांच मिनट तक रोया, हेमाराम ने हमसे कहा कि सीएमओ से ऑर्डर आते हैं कि इस अफसर को यहां लगाकर रिपोर्ट करें। हमें पता नहीं किसका लेटर है लेकिन हमें करना पड़ता है, वे पांच मिनट तक रोते रहे। इस बार मुझे किसी ने कहा उन्हें कहो कि वे चुनाव लड़ें, उनकी मदद करो। दुखी होकर कहा जब तक अशोक गहलोत कांग्रेस है, तब तक मुझे चुनाव नहीं लड़ना। मील ने कहा- हर जिले के पदाधिकारी को अलग से मैसेज दे दिया जाएगा कि किस उम्मीदवार के पक्ष में वोट देना है। हमें एससी, एसटी, ओबीसी के साथ समन्वय बनाते हुए सामाजिक समरसता के लिए पूरा प्रयास करना चाहिए।
कर्नल केसरी सिंह को आरपीएससी मेंबर बनाने पर गहलोत के खिलाफ निंदा प्रस्ताव
जाट अधिवेशन में आरपीएएसी मेंबर बनाए गए कर्नल केसरी सिंह के मुद्दे निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। प्रस्ताव में कहा गया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान लोक सेवा आयेग में एक ऐसे व्यक्ति केसरी सिंह की नियुक्ति की, जो प्रदेश के विभिन्न समाजों के बीच वैमनस्य फैला रहा था। राजाराम मील ने कहा- केसरी सिंह की नियुक्ति के लिए जाट समाज मुख्यमंत्री की निन्दा करता है। यदि सरकार राजपूत समाज के किसी प्रतिष्ठित और योग्य व्यक्ति की नियुक्ति करती तो जाट समाज को कोई आपत्ति नहीं होती और समाज इसका स्वागत करता।
ओबीसी आरक्षण बढ़ाने की मांग, 20 नवंबर को दिल्ली में होगा सम्मेलन
अधिवेशन में ओबीसी आरक्षण उनकी जनसंख्या के अनुपात में बढ़ाकर उसे 21 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की मांग उठाई गई। धौलपुर भरतपुर ओर अन्य राज्यों के जाटों को केन्द्रीय सेवाओं में आरक्षण देने के लिए 20 नवम्बर को दिल्ली में जाट महासम्मेलन बुलाने का फैसला किया है। तालकटोरा स्टेडियम में यह सम्मेलन होगा।
युद्धवीर सिंह बोले- विधायक नहीं नेता तैयार करने होंगे
मुख्य वक्ता युद्धवीर सिंह ने कहा कि राजस्थान विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं, जो उम्मीदवार जाट समाज के हित में काम नहीं करता उसका समर्थन नहीं करें। एमएलए बनाने से कुछ नही होता, हमें नेता तैयार करने हैं, जैसे चौधरी चरण सिंह, सर छोटूराम, कुंभाराम आर्य, नाथूराम मिर्धा, शीशराम ओला, परसराम मदेरणा विधायक होने के साथ ही प्रभावी नेता थे। जिनकी सरकार में हैसियत होती थी। वर्तमान विधायकों में अब ऐसा कोई नेता नहीं है जो मुख्यमंत्री के सामने अपनी बात कह सके। इसी का परिणाम है कि केसरी सिंह जैसे विवादित व्यक्ति को आरपीएससी जैसे संवैधानिक संस्था का सदस्य बना दिया गया। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज हिंदुस्तान के ऐसे 60 परिवार हैं, जिनमें से ही जज बनते हैं। एससी एसटी और ओबीसी के लोगों को भी जज बनने का मौका मिलना चाहिए।