मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना में मोतियाबिंद जैसी कई बीमारियां एवं जांचें सम्मिलित नहीं है। जिनका उपचार निजी अस्पतालों में करवाया जा सके। वरिष्ठ पत्रकार अध्यक्ष सुरेश सोगानी ने बताया कि पूर्व में सरकार द्वारा पत्रकारों का स्वास्थ्य लाभ हेतू बीमा करवाया जाता था। जिससे उनका उपचार कैशलेस निजी अस्पतालों में हो जाता था। अब सरकार द्वारा पत्रकारों को मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना से जोड़ दिया गया है।
इस योजना में मोतियाबिंद आदि जैसे अनेकों बीमारियों का उपचार एवं जांचें नहीं जोड़ी गई है। इससे वरिष्ठ वृद्ध पत्रकारों को अपने मोतियाबिंद आदि बीमारियों के उपचार करवाने के लिए सरकारी अस्पतालों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। सोगानी ने मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री से योजना के अंतर्गत मोतियाबिंद के ऑपरेशन, उपचार एवं जांचें जोड़े जाने की मांग की गई है।