राज्य सरकार द्वारा लागू की गई 50 लाख रुपए की बीमा योजना में पत्रकारों को यदि सम्मिलित नहीं किया जाता है तो इसके जिम्मेदार भी खुद पत्रकार ही होंगे।
ये बात आई एफ डब्ल्यू जे प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र सिंह राठौड़ ने चर्चा के दौरान कहा कि प्रदेश में संगठन के दो हजार से ज्यादा सदस्य है, ये योजना भी स्वयं पत्रकारों के हितार्थ ही है। संक्रमण का खतरा रिपोर्टिंग, कवरेज, फोटोग्राफी के समय सबसे अधिक उन्हें ही है। इसके लिए मात्र उन्हें मुख्यमंत्री को जिला कलेक्टर/उपखंड अधिकारी के माध्यम से प्रत्यक्ष रूप में ज्ञापन सौंपना था, और यदि यह संभव नहीं हो पाता तो मुख्यमंत्री महोदय को मेल व ट्विट द्वारा आग्रह करने के लिए कहा गया था।
राठौड़ ने कहा कि सवाई माधोपुर, राजसमंद, भरतपुर, बाड़मेर, पाली, फलौदी, बारां जिलों में लगभग शत-प्रतिशत और टोंक, करौली, धौलपुर, चुरु, जालोर, सिरोही जिला मुख्यालय पर तथा अन्य जिलों में कुछ उपखंड पर ज्ञापन सौंपे गए हैं। वह सभी धन्यवाद के पात्र हैं। लेकिन जिला इकाइयों की निष्क्रियता समझ से परे है ?
संगठन के पदाधिकारियों एवं जिला अध्यक्षों को अपने अपने दायित्व को समझते हुए सक्रिय होकर संगठन को मजबूती प्रदान करनी चाहिए। तभी राजस्थान प्रदेश में संगठन पत्रकारो की मांगों को पूरा करा पाएगा। प्रदेश अध्यक्ष ने पत्रकारों संगठन पदाधिकारियों से समय निकाल कर गंभीरता से विचार करने को कहा है।