बार-बार कहने के बाद भी शिक्षा निदेशालय सहित कई स्कूलों में अब भी शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर चल रहे हैं। उन्हें अब 12 फरवरी तक मूल स्थान पर भेजने के आदेश जारी किए गए हैं। प्रदेश में भाजपा सरकार का गठन होने के बाद तत्कालीन शिक्षा निदेशक कानाराम ने निदेशालय के अनुभागों में प्रतिनियुक्ति पर बैठे शिक्षकों को कार्यमुक्त कर दिया था। हालांकि, कुछ को आदेश में ढील देते हुए अनुभाग अधिकारियों की सिफारिश मानते हुए निदेशालय में ही रख दिया था। इसमें शिक्षा विभागीय पंजीयक में करीब सात शिक्षक भी शामिल हैं। अब प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा निदेशक अलग-अलग हो गए हैं। ऐसे में प्रारंभिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने 12 फरवरी तक प्रतिनियुक्ति समाप्त कर शिक्षकों को मूल स्थान पर भेजने के आदेश दिए हैं।
आदेश में कहा गया है कि तृतीय श्रेणी अध्यापक अपने मूल पदस्थापन स्थान के अलावा प्रतिनियुक्ति, कार्य व्यवस्थार्थ, शिक्षण व्यवस्थार्थ अन्य विद्यालयों तथा कार्यालयों में कार्य कर रहे हैं, जिससे मूल पदस्थापन वाले विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो रही है। अत: निर्देशित किया जाता है कि ऐसे विद्यालयों एवं कार्यालयों में 31 दिसंबर से पूर्व प्रतिनियुक्त, कार्य व्यवस्थार्थ तथा शिक्षण व्यवस्थार्थ लगाए गए सभी तृतीय श्रेणी अध्यापकों को 12 फरवरी तक मूल पदस्थापन स्थान के लिए कार्यमुक्त कर इसकी रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जाए। यदि किसी विद्यालय में एकल शिक्षक शिक्षण व्यवस्थार्थ कार्यरत है, तो उन्हें आगामी आदेशों तक कार्यमुक्त नहीं किया जाए। आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि असाध्य रोग जैसी स्थितियों के कारण प्रतिनियुक्ति, कार्य व्यवस्थार्थ तथा शिक्षण व्यवस्थार्थ लगाया गया हो, तो ऐसे प्रकरणों से निदेशालय को अवगत कराया जाए।