सवाई माधोपुर: राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित रणथंभौर नेशनल पार्क में अवैध रूप से लग्जरी गाड़ियों की घुस*पैठ के मामले में वन विभाग ने कार्रवाई करते हुऐ 14 लग्जरी गाड़ियों को जब्त किया है। वन विभाग द्वारा जब्त की गई सभी लग्जरी गाड़ियां राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदर्श, उत्तर प्रदेश एवं महाराष्ट्र नम्बरों की है।
मिली जानकारी के अनुसार अवैध तरीके से रणथंभौर के जोन नम्बर आठ के जंगल में लग्जरी गाड़ियों के घुसने का मामला उजागर होने के बाद पीसीसीएफ व सीडब्ल्यूसीएलडब्लयू पवन उपाध्याय के निर्देश पर रणथंभौर वन प्रशासन हरकत में आया और रणथंभौर के सीसीएफ अनूप के आर एवं डीएफओ रामानंद भाकर ने कार्रवाई करते हुए 14 लग्जरी गाड़िया जब्त कर वन विभाग के कार्यालय परिसर में खड़ा करवा दिया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वन विभाग द्वारा 15 अगस्त की रात को 5 और शेष गाड़ियों को 16 अगस्त को विभिन्न होटलों से जब्त किया गया है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मामले को लेकर अनुसंधान किया जा रहा है और अनुसंधान के बाद जब्त की गई गाड़ियों एवं सम्बंधित दोषियों पर वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि 15 अगस्त की शाम को एडवेंचर टूर के नाम पर एक दर्जन से भी अधिक लग्जरी गाड़ियां रणथंभौर के जोन नंबर आठ में अनाधिकृत रूप से घुस गई थी। जबकि प्रदेश भर में अभी मानसून सत्र में सफारी बंद है।
इससे भी अधिक हैरानी की बात यह है कि रणथंभौर के जंगल में अनुबंधित जिप्सी अथवा कैंटर सफारी के लिए चलते हैं। लेकिन 15 अगस्त की शाम को यहाँ स्कॉर्पियों तथा थार जैसी एक दर्जन से भी अधिक लग्जरी गाड़ियां रणथंभौर नेशनल पार्क के जॉन नंबर 8 में सफारी के लिए अवैध रूप से घुस गई। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था। इतना ही नहीं वायरल वीडियो में रणथंभौर के जंगल के अंदर गाड़ियों से उतरकर लोग चलते-फिरते भी नजर आ रहे हैं। जहाँ टाइगर का मूवमेंट बना रहता है। इस दौरान कोई बड़ी दुर्घटना भी घटित हो सकती थी।
इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। इस जगह बिना वन विभाग की इजाजत के जाना मुमकिन नहीं है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार एक दर्जन लग्जरी गाड़ियों में सवार होकर नेशनल पार्क के जॉन नंबर आठ में यह गाड़ियां सफारी करने कैसे पहुंच गई! रणथंभौर नेशनल पार्क बारिश काल में तीन महीने के लिए बंद है। हालांकि जॉन नंबर 6 से 10 के बीच केवल अनुबंधित वाहनों को ही वन विभाग की इजाजत से पार्क भ्रमण पर भेजा जा सकता है। लेकिन वीडियो में दिख रही स्कॉर्पियो व थार जैसी गाड़ियों को जंगल में जाने की बिल्कुल भी इजाजत नहीं है। तब अपने प्रभाव का उपयोग करके यह लोग नेशनल पार्क के अंदर घुस गए। वन विभाग के अधिकारियों की मिली भगत के बिना रणथंभौर के जंगल मे इन गाड़ियों का घुस*पैठ करना संभव नहीं है। क्योंकी रणथंभौर में सर्विलांस सिस्टम और एंटी पोचिंग सिस्टम लगा हुआ है।
जिसके माध्यम से पूरे रणथंभौर पर वन विभाग की पैनी नजर रहती है और जंगल मे घटित होने वाले हर मूवमेंट पर नजर रहती है। ऐसे में यह बिल्कुल भी संभव नहीं है कि अधिकारियों की महरबानी के बिना एक भी गाड़ी जंगल में अवैध रूप से घुस*पैठ कर सके। इन गाड़ियों के जंगल में घुसने के पीछे वन विभाग के अधिकारियों की ही मिलीभगत हो सकती है! सभी गाड़ियों पर एडवेंचर लिखा हुआ है। ऐसे में मिली भगत और भ्रष्टाचार का कितना बड़ा खेल रणथंभौर नेशनल पार्क में चल रहा है, इन तस्वीरों से साफ देखने को मिल रहा है।
जानकारी के अनुसार सभी गाड़ियां 15 अगस्त की शाम बालास चौकी से नेशनल पार्क में प्रवेश हुई तथा हिंदवाड के रास्ते होते हुए जंगल से बाहर निकली। जबकि यह पूरा इलाका क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट के अंतर्गत आता है। वीडियो वायरल होने और मीडिया की खबरों के बाद उच्च अधिकारियों के निर्देश पर हरकत में आये रणथंभौर वन प्रशासन ने गाड़िया तो जब्त कर ली, लेकिन देखने वाली बात यह है कि विभाग उन अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही कर पाएगा जिन अधिकारियों की इन गाड़ियों की अवैध घुस*पैठ में मिलीभगत है।