पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट की 11 जून 2000 को सड़क हादसे में मौत हो गई थी। उस दिन वह अपने लोकसभा क्षेत्र दौसा के दौरे पर थे। दौसा से जयपुर जाते वक्त भंडाना में उनकी गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी और इस हादसे में उनकी मौत हो गई थी। दुर्घटना के वक्त राजेश पायलट के साथ सिकराय के तत्कालीन विधायक महेंद्र मीणा भी मौजूद थे। उनके अलावा दुर्घटना स्थल पर कई लोग ऐसे थे जिन्होंने दुर्घटना के वक्त राजेश पायलट को अपने हाथों में उठा कर जयपुर भेजा था।
आज उन्हीं लोगों से जानिए कि दुर्घटना के दौरान क्या-क्या हुआ। राजेश पायलट के साथ आगे की सीट पर बैठे सिकराय के तत्कालीन विधायक महेंद्र मीणा बताते हैं कि उस दिन राजेश पायलट दौसा लोकसभा क्षेत्र के दौरे पर थे। कई जगह कार्यक्रमों में भाग लेते हुए उन्हें जयपुर जाना था। फिर जयपुर से उन्हें दिल्ली जाना था। उस वक्त राजेश पायलट कार्यक्रमों में कुछ लेट हो गए थे और जयपुर जाने की भी जल्दी हो रही थी। महेंद्र मीणा ने बताया कि राजेश पायलट हमेशा ही घुल मिलकर रहते थे और छोटे-बड़े का कोई फर्क नहीं समझते थे। उन जैसा नेता अब नहीं हैं क्योंकि वे किसानों की बात किया करते थे, इसलिए उन्हें किसान नेता के नाम से भी जाना जाता था।
हादसे के वक्त मौके पर पहुंचने वाले दिनेश शर्मा ने बताया कि जब एक्सीडेंट हुआ था, तब वे अपने खेत में काम कर रहे थे। जैसे ही हादसा हुआ हम भागे-भागे रोड़ पर पहुंचे तो देखा कि राजेश पायलट की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया है। हमने तुरंत प्रभाव से राजेश पायलट को गाड़ी से बाहर निकाला और तुरंत जयपुर रवाना कर दिया। उनकी हालत गंभीर थी, जो भी लोग हादसे की खबर सुन रहे थे वह भागे भागे घटनास्थल पर पहुंच रहे थे। सब यह जानने की कोशिश कर रहे थे कि उनकी तबीयत अब कैसी है। लेकिन जब राजेश पायलट की मृत्यु की दुखद खबर लोगों तक पहुंची तो लोगों के घर कई दिनों तक चूल्हा नहीं जला था।
राजेश पायलट का टिकट लेकर मैं खड़ा था एयरपोर्ट पर- जीआर खटाना
बांदीकुई विधायक जीआर खटाना कहते हैं कि उस वक्त में जयपुर एयरपोर्ट पर राजेश पायलट का इंतजार कर रहा था क्योंकि उन्हें जयपुर से दिल्ली जाना था। उनका टिकट मेरे हाथों में था। जैसे ही मुझे सूचना मिली तो एकाएक विश्वास नहीं हुआ लेकिन अस्पताल के लिए रवाना हो गया। मैंने कई बार राजेश पायलट को फोन करने की भी कोशिश की लेकिन उनका फोन नहीं लग रहा था। फिर जब अस्पताल पहुंचा तो वहां काफी संख्या में लोग मौजूद थे। उसके बाद जो खबर सुनी उस पर विश्वास नहीं हुआ।