मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा राज्यपाल के अभिभाषण के संदर्भ में किसानों के सम्मान राशि 6000 रुपए से बढ़कर 8000 रुपए एवं वरिष्ठ नागरिकों की मासिक पेंशन राशि 1000 रुपए से बढ़कर 1150 रुपए किए जाने की घोषणा से किसान एवं वरिष्ठ नागरिकों को निराशा हुई। वरिष्ठ नागरिक संस्थान राजस्थान के प्रदेश मंत्री सुरेश सोगानी ने बताया कि चुनाव घोषणा पत्र में भाजपा द्वारा किसान सम्मान राशि 6000 रुपए से बढ़ाकर 12000 रुपए एवं वृद्ध मासिक सुरक्षा पेंशन 1000 रुपए से बढ़ाकर 1500 किए जाने की गारंटी दी गई थी। किंतु सरकार द्वारा की गई राशि वृद्धि से किसानो एवं वृद्धजनों निराशा हुई हैं। सोगानी ने कहा कि ऐसा लगता है कि भाजपा सरकार (डबल इंजन सरकार) किसानों एवं वरिष्ठ नागरिकों की अनदेखी कर रही है। सरकार द्वारा की गई राशि वृद्धि से जो आर्थिक भार सरकार पर पड़ रहा है। क्या वह भार विधायक को सांसदों को दी जाने वाली पेंशन राशि से पड़ने वाले आर्थिक भार कि तुलना में अधिक है। क्यों नहीं सरकार तुलना करती है। जबकि एक व्यक्ति एक पेंशन ही प्राकृतिक न्याय है।
किंतु विधायक, सांसद जितने बार जितने पदों पर रहे हैं। उन सबकी पेंशन उन्हें दिए जाना कितना न्याय संगत है ? जबकि उन्हें सभी सुविधाएं प्राप्त है। सौगानी ने बताया कि मोदी सरकार द्वारा कोरोना काल में रोकी गई वरिष्ठ नागरिकों, किसानों, पत्रकारों, खिलाड़ियों एवं अन्य सभी के रेलवे किराये आदि में दी जा रही छूठ को संसदीय समिति की अनुशंसा किए जाने के उपरांत भी आज तक चालू नहीं की गई है। इसके लिए सरकार पर पड़ने वाले वित्तीय भार बताया जाता है जबकि विधायक एवं सांसदों को सभी सुविधाएं निः शुल्क है और उनका कितना वित्तीय भार सरकार पर पड़ता है ? इस बारे में क्या सरकार ने कभी सोचा है ? जबकि मोदी गारंटी सबका साथ सबका विकास है। क्या यही सबका साथ सबका विकास की गारंटी है ? सौगानी ने कहा कि कहते हैं काठ की हांडी एक बार ही चढ़ती है। अप्रैल मई में लोकसभा चुनाव होने हैं। उसमें मोदी गारंटी क्या होगी ? किसान एवं वरिष्ठ नागरिक सोचने पर मजबूर रहेगा।