राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तर्ज पर काम करता श्री क्षत्रिय युवक संघ
राजधानी दिल्ली में लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की बैठक हो रही है, तभी 28 जनवरी को दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में पांच लाख राजपूत एकत्रित होंगे। यह एकत्रीकरण श्री क्षत्रिय युवक संघ के संस्थापक तनसिंह जी के जन्म शताब्दी वर्ष पर हो रहा है। आमतौर पर जाति के ऐसे सम्मेलनों के पीछे राजनीतिक उद्देश्य होता है। मंच पर राजनेताओं की भीड़ होती है। मंच से राजनीतिक भाषण भी दिए जाते हैं, लेकिन श्री क्षत्रिय युवक संघ के सम्मेलन में मुख्य मंच पर कोई नेता नहीं होगा और न ही राजनीतिक भाषण होगा। सम्मेलन में पांच लाख राजपूत एकत्रित हो इसके लिए देशभर में संघ के कार्यकर्ता सक्रिय हैं। असल में क्षत्रिय युवक संघ भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरह काम करता है।
क्षत्रिय युवक संघ का उद्देश्य भी व्यक्ति में चरित्र निर्माण करता है। संघ के मौजूदा अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह बैण्यांकाबास और संरक्षक भगवान सिंह रोलसाहबसर का मानना है कि व्यक्ति अच्छा होगा तो समाज भी अच्छा ही होगा। व्यक्तियों से ही समाज बनता है। दिल्ली में होने वाले सम्मेलन की तैयारियों से जुड़े देवेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि सम्मेलन के सभी कार्य संघ से जुड़े स्वयं सेवक ही करेंगे। यहां तक कि हमारे वरिष्ठ पदाधिकारियों की सुरक्षा का जिम्मा भी स्वयं सेवकों के पास ही होगा। सम्मेलन में राजनीति से जुड़े लोग आ सकते हैं, लेकिन मुख्य मंच पर किसी की भी उपस्थिति नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि यह सही है कि दिल्ली में सम्मेलन लोकसभा चुनाव से पहले हो रहा है, लेकिन सम्मेलन का उद्देश्य राजनीतिक नहीं है। श्री क्षत्रिय युवक संघ हर क्षेत्र में बदलाव चाहता है। इसमें राजनीतिक क्षेत्र भी शामिल हैं। राजनीति में भी अच्छे लोगों का होना जरूरी है। सम्मेलन की तैयारियों की और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9749922222 पर देवेंद्र सिंह शेखावत से ली जा सकती है।
सरवड़ी का बयान: श्री क्षत्रिय युवक संघ से जुड़े प्रताप फाउंडेशन के संयोजक महावीर सिंह सरवड़ी ने राजस्थान में भाजपा सरकार के मंत्रिमंडल को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया है। सरवड़ी ने कहा कि इस चुनाव में राजपूत समाज ने भाजपा को पूरा समर्थन दिया, यही वजह रही कि इस बार 17 विधायक राजपूत समुदाय के बने, लेकिन मंत्रिमंडल में सिर्फ तीन राजपूत विधायकों को ही शामिल किया गया। सरवड़ी ने मंत्रिमंडल में राजपूत समाज का नेतृत्व बढ़ाने की मांग की। सरवड़ी के बयान के बाद से ही माना जा रहा है कि राजस्थान में राजपूत समाज भाजपा से खुश नहीं है। (एसपी मित्तल, ब्लॉगर)