गहलोत सरकार ने बच्चों और अभिभावकों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए कक्षा 5 से 8 तक के बच्चों के लिए स्कूल लेवल पर ही मूल निवास बनाने की अनुमति प्रदान की है। इसको लेकर गृह विभाग द्वारा विस्तृत परिपत्र जारी कर दिया गया है। इस परिपत्र के जारी होने के साथ ही अब कक्षा 5 से 8 तक के बच्चों का मूल निवास स्कूल में ही बन सकेगा। अब 5वीं और 8वीं के विद्यार्थियों के मूल निवास बनाने के आवेदन ई मित्र केंद्रों से नहीं बल्कि उनके विद्यालय से भरे जाएंगे। मूल निवास प्रमाण-पत्र सक्षम अधिकारी द्वारा जारी होने के बाद स्कूल से ही वितरित किए जाएंगे। गृह विभाग ने इसकी एडवाइजरी जारी करते हुए आवेदन की प्रक्रिया और दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
5वीं से 8वीं तक के विद्यार्थियों के मूल निवास अब बनेंगे स्कूलों में
1. राज्य की सभी सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत
2. कक्षा 5 से 8 वीं तक के बच्चों के मूल निवास प्रमाण पत्र सम्बन्धी निर्देश जारी
3. संस्था प्रधान सभी दस्तावेजों को सरकार द्वारा अधिकृत उपखंड अधिकारी के परिक्षेत्र में
4. स्थापित ई-मित्र/ सीएससी केंद्र के माध्यम से भिजवाएंगे सक्षम अधिकारी को
5. सक्षम अधिकारी अगले 30 से 60 दिनों में जारी करेंगे मूल निवास प्रमाण पत्र
6. अगर आवेदन किसी कारण से होगा निरस्त
7. तो इसकी कारण सहित सूचना भेजी जाएगी संस्था प्रधान को
8. मूल निवास प्रमाण पत्र जारी होने के बाद उसकी एक कॉपी
9. स्कूल में विद्यार्थियों को लाभ, रियायत, सुविधाएं दिलाने के लिए
गृह विभाग द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार मूल निवास प्रमाण-पत्र यथा कक्षा 5 में अध्ययनरत विद्यार्थी को जारी किया जाएगा। लेकिन किसी अपरिहार्य कारणों से किसी विद्यार्थी का कक्षा 5 में मूल निवास प्रमाण-पत्र जारी नहीं हो पाता है तो ऐसे विद्यार्थियों का मूल निवास प्रमाण पत्र कक्षा 8 में भी जारी किया जा सकता है। हालांकि शिक्षा निदेशालय ने गृह विभाग के इन आदेशों की पालना के लिए संस्था प्रधानों को पाबंद नहीं किया है।