मोदी सरकार ने हटाया 58 साल पुराना बै*न
गांधी की ह*त्या के बाद फरवरी 1948 में RSS पर लगा दिया था प्रति*बंध
नई दिल्ली / New Delhi : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) (आरएसएस) के कार्यक्रमों और गतिविधियों में अब सरकारी कर्मचारी (Government Employees) शामिल हो सकेंगे। केंद्र सरकार ने आरएसएस (RSS) की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने पर लगे प्रति*बंध हटा दिया है। मोदी सरकार (Modi Government) ने 58 साल बाद यह बै*न हटाया है। इसके बाद से इस फैसले को लेकर देश की राजनीति में काफी चर्चाएं हो रही हैं। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से अभी तक इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन भाजपा और कांग्रेस ने अपने एक्स पोस्ट में प्रति*बंध हटाए जाने का दावा कर है।
विभिन्न दलों के नेता इस आदेश को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। आरएसएस ने भी सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए इस फैसले का स्वागत किया है। आरएसएस ने अपने ट्वीट में लिखा है कि, “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गत 99 वर्षों से सतत राष्ट्र के पुनर्निर्माण एवं समाज की सेवा में संलग्न है। राष्ट्रीय सुरक्षा, एकता-अखंडता एवं प्राकृतिक आपदा के समय में समाज को साथ लेकर संघ के योगदान के चलते समय-समय पर देश के विभिन्न प्रकार के नेतृत्व ने संघ की भूमिका की प्रशंसा भी की है।”
आरएसएस ने ने लिखा है कि, “अपने राजनीतिक स्वार्थों के चलते तत्कालीन सरकार द्वारा शासकीय कर्मचारियों को संघ जैसे रचनात्मक संगठन की गतिविधियों में भाग लेने के लिए निराधार ही प्रतिबंधित किया गया था। शासन का वर्तमान निर्णय समुचित है और भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को पुष्ट करने वाला है।”
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गत 99 वर्षों से सतत राष्ट्र के पुनर्निर्माण एवं समाज की सेवा में संलग्न है। राष्ट्रीय सुरक्षा, एकता-अखंडता एवं प्राकृतिक आपदा के समय में समाज को साथ लेकर संघ के योगदान के चलते समय-समय पर देश के विभिन्न प्रकार के नेतृत्व ने संघ की भूमिका की प्रशंसा भी की… pic.twitter.com/MxRelxOyU4
— RSS (@RSSorg) July 22, 2024
मोदी सरकार ने 58 साल बाद हटाया प्रति*बंध:
उल्लेखनीय है कि हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित विभिन्न राज्य सरकारें सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस से जुड़े होने पर प्रति*बंध को पहले ही हटा चुकी हैं। आपको बता दें कि 30 नवंबर 1966 में केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने पर प्रति*बंध लगा दिया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इंदिरा गांधी के शासन के दौरान लगाए जाने वाले प्रति*बंध को नौ जुलाई को जारी एक आदेश के अनुसार हटा दिया था।
आरएसएस पर 1948 में लगा था प्रति*बंध:
भाजपा आइटी सेल (BJP IT Cell) के प्रमुख अमित मालवीय (Amit Malviya) ने एक्स पर कार्मिक मंत्रालय के आदेश का स्क्रीन शाट शेयर करते हुए पोस्ट किया है कि, 58 साल पहले, 1966 में जारी असंवैधानिक आदेश, जिसमें सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर प्रति*बंध लगाया गया था, मोदी सरकार ने उसे वापस ले लिया है।
The unconstitutional order issued 58 years ago, in 1966, imposing a ban on Govt employees taking part in the activities of the Rashtriya Swayamsevak Sangh has been withdrawn by the Modi Govt. The original order shouldn’t have been passed in the first place.
The ban was imposed… pic.twitter.com/Gz0Yfmftrp
— Amit Malviya (@amitmalviya) July 22, 2024
कांग्रेस (Congress) महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने पोस्ट किया है कि, सरदार पटेल (Sardar Vallabh Bhai Patel) ने गांधी (Mahatama Gandhi) जी की ह*त्या के बाद फरवरी 1948 में आरएसएस पर प्रति*बंध लगा दिया था। इसके बाद अच्छे आचरण के आश्वासन पर प्रतिबंध हटा लिया गया था।
फरवरी 1948 में गांधीजी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगा दिया था।
इसके बाद अच्छे आचरण के आश्वासन पर प्रतिबंध को हटाया गया। इसके बाद भी RSS ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया।
1966 में, RSS की गतिविधियों में भाग लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाया… pic.twitter.com/17vGKJmt3n
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 21, 2024
इस आदेश को लेकर एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा है कि, महात्मा गांधी की ह*त्या के बाद सरदार पटेल और नेहरू की सरकार ने आरएसएस पर बै*न लगाया था। ओवैसी ने कहा कि आरएसएस से बै*न इस शर्त पर हटाया गया था कि वे भारत के संविधान को मानेंगे और राष्ट्रीय झंडे को मानेंगे।
This office memo purportedly shows that the govt has lifted the ban on govt employees participating in RSS activities. If true, this is against India’s integrity and unity. The ban on RSS exists because it had originally refused to accept the constitution, the national flag & the… pic.twitter.com/J7yUL7Ckvl
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 22, 2024
उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को संघ की गतिविधियों में भाग लेने देने का फैसला गलत है। उन्होंने कहा कि संघ का सदस्य भारत की विविधता को नहीं मानता है वो हिंदू राष्ट्र की कसम खाता है।