अशोक गहलोत को ही मुख्यमंत्री बनाने की जिद करने के लिए हाईकमान ने तीन मंत्रियों को अनुशासनहीनता का नोटिस दिया था। इसमें महेश जोशी के साथ साथ शांति धारीवाल और आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ भी शामिल हैं। अब यदि कोटा से धारीवाल का टिकट भी कटता है तो सवाल उठता है कि कोटा मॉडल का क्या होगा? विगत दिनों कोटा में विकास कार्यों का लोकार्पण करते हुए सीएम गहलोत ने कहा था कि हम विधानसभा चुनाव में कोटा के विकास मॉडल को जनता के सामने रखेेंगे।
कोटा में हुए विकास कार्यों की तरह ही प्रदेश के हर शहर में विकास करवाया जाएगा। लेकिन अब जब 6 नवंबर को नामांकन की अंतिम तिथि है, तब तक कोटा से कांग्रेस का उम्मीदवार घोषित नहीं हुआ है। इससे प्रतीत होता है कि महेश जोशी की तरह धारीवाल को भी उम्मीदवार नहीं बनाया जाएगा। धर्मेन्द्र राठौड़ भी अजमेर उत्तर से टिकट मांग रहे हैं, लेकिन उनकी उम्मीदवारी पर भी तलवार लटकी हुई है। (एसपी मित्तल, ब्लॉगर)