पति-पत्नी को नहीं करना होगा 6 महीने का इंतजार
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने सोमवार को तलाक को लेकर यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि अगर पति पत्नी का रिश्ता इतना खराब हो चुका है कि अब सुलह की गुंजाइश नहीं बची हो, तो कोर्ट भारत के संविधान के आर्टिकल 142 के तहत तलाक को मंजूरी दे सकता है। इसके लिए उन्हें फैमिली कोर्ट नहीं जाना होगा और ना ही 6 महीने का इंतजार अनिवार्य नहीं होगा।