राजीविका से जुड़े स्वयं सहायता समूहों के बैंक खाते खुलवाने, स्वरोजगार और प्रशिक्षण के लिए लोन स्वीकृति तथा वितरण, रिजोल्विंग फंड, ग्राम संगठन को एस्टेब्लिशमेंट फंड जारी करने समेत किसी भी बिन्दु पर लापरवाही और देरी न हो, इसके लिये जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने राजीविका के जिला प्रबंधक हंसराज मीना और लीड बैंक मैनेजर को इस परियोजना से जुड़ी जिले की प्रत्येक बैंक शाखा का माइकारे विश्लेषण कर लक्ष्य में पिछड़ रही ब्रांचों का दौरा कर मौके पर ही स्वीकृतियां जारी करवाने के निर्देश दिये हैं।
आज सोमवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित बैठक में जिला कलेक्टर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के लोग विशेषकर आर्थिक रूप से कमजोर तथा महिलाओं को स्वरोजगार के लिये प्रशिक्षण देकर उन्हें बैंकों से ऋण दिलाकर आर्थिक गतिविधि, रोजगार से जोड़ना इस परियोजना का मुख्य ध्येय है।
लोन वितरण में देरी हुई तो समूह की गतिविधि प्रभावित होगी तथा सम्बंधित कार्य की लागत बढ़ सकती है, जो उचित नहीं है। कलेक्टर ने कम प्रगति वाली बैंक ब्रांचों के प्रभारियों को 15 दिवस के भीतर विशेष प्रगति दर्ज करने के भी निर्देश दिये। बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिये कि जिले की स्थानीय आवश्यकता और परिस्थितियों के अनुसार स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षण और विपणन में नवाचार के लिये समझायें और उनकी इस सम्बंध में तकनीकि मदद करें।
जिला कलेक्टर ने इस बैठक में इन्द्रा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना की जिले में प्रगति की समीक्षा की तथा लोन वितरण की गति बढ़ाने के निर्देश दिये। बैठक में नाबार्ड के डीडीएम एम. एल. मीना व अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।