भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार लोकसभा आम चुनाव-2024 में चुनावी गतिविधियों में बालकों का उपयोग नहीं करने के निर्देश दिए हैं। बाल श्रम अधिनियम 1986 में बच्चों के कार्य की स्थितियों को विनियमित करने और कानून के उल्लंघन पर दण्ड का प्रावधान करता है।
आयोग के निर्देशानुसार निर्वाचन मशीनरी को निर्वाचन संबंधी किसी भी कार्य गतिविधि में बाल श्रम की भागीदारी को रोकना चाहिए। राजनैतिक दलों, उम्मीदवारों एवं उनके अभिकर्ताओं आदि निर्वाचन संबंधी किसी भी कार्य या गतिविधि में बाल श्रम की भागीदारी को रोकना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बाल श्रम अधिनियम के संशोधित अधिनियम 2016 के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के विद्यमान दिशा-निर्देशों की पालना की जाएगी।
राजनैतिक दलों को किसी भी रूप में चुनाव अभियान, रैली, पोस्टर, पेम्फलेट वितरण, नारे बाजी, चुनावी बैठकों आदि में बालकों का उपयोग नहीं करने हेतु निर्देशित किया है। राजनैतिक नेताओं, उम्मीदवारों को किसी भी रूप में बालक को गोद में लेने, बालक को अपने वाहन में ले जाने या बालक को चुनाव अभियान, रैली का हिस्सा बनाने, चुनाव अभियान, चुनाव प्रचार आदि में बालकों का उपयोग नहीं करना चाहिए।