सकल दिगम्बर जैन समाज की ओर से जैन धर्म का 8 दिवसीय अष्टान्हिका महापर्व उत्साहपूर्वक मनाया जा रहा है। इस दौरान जिनालयों में श्रद्धा झलक रही है।
समाज के प्रवक्ता प्रवीण कुमार जैन ने बताया कि मंदिर समितियों के पदाधिकारियों के सान्निध्य में नगर परिषद क्षेत्र के जिनालयों में धर्मावलम्बी प्रेम-सौहार्द की भावना रखते हुए जिनेन्द्र देव के अभिषेक, शान्तिधारा तथा विशेष रूप से नन्दीश्वरद्वीप, पंचमेरू और जिनबिम्ब की परिकल्पना कर भक्ति भाव से पूजा-अर्चना के साथ जाप, पाठ, शास्त्र सभा आदि कार्यक्रमों में भाग लेकर एवं व्रत, उपवास रख पर्व के प्रति अपनी आस्था प्रकट कर रहे हैं।
दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र आलनपुर में बा.ब्र. धर्मेन्द्र भैया ने तत्व चर्चा के दौरान अष्टान्हिका पर्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पर्व दशलक्षण पर्व की तरह अनादिनिधन पर्व है और वर्ष में तीन बार-आषाढ़, कार्तिक व फाल्गुन मास में शुक्ल पक्ष की अष्टमी से पूर्णिमा तक आठ दिन भक्ति और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि संसारी प्राणी अष्ट कर्मों का नाश कर सिद्ध नहीं बन जाता है तब तक उसे सिद्धों की आराधना करनी चाहिए। पर्व के दिनों में विशेष रूप से व्रत, नियम, संयम का पालन करने तथा अपनी शक्ति के अनुसार एकासन, उपवास करते हुए आत्मा का चिंतन करने पर जोर दिया।
साथ ही भजन गायक विनय पापड़ीवाल व राजेश बाकलीवाल द्वारा भक्तिपूर्ण भजनों की एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर श्रद्धालुओं को भक्ति के रंग में भिगो दिया। इसके बाद जिनेन्द्र देव की मंगल आरती उतारी गई।
इस दौरान समाज के महिला-पुरूष व बच्चे काफी संख्या में मौजूद थे।