विधानसभा चुनाव के तहत अभ्यर्थी या राजनीतिक दल यदि किसी निजी संपत्ति पर अपने बैनर या झंडे लगवाकर चुनाव प्रचार-प्रसार करना चाहते है तो इसके लिए संबंधित मालिक से लिखित स्वीकृति लेना अनिवार्य होगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी पी.सी. पवन ने बताया कि चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता की अनुपालना सुनिश्चित करवाने तथा चुनावी खर्चे आदि की कड़ी माॅनिटरिंग के लिये यह प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि मालिक की लिखित स्वीकृति के बाद लगाये जाने वाले बैनर या झंडे के खर्चे सहित पूर्ण विवरण एवं लिखित सहमति की प्रति अभ्यर्थी द्वारा संबंधित माॅनिटरिंग अधिकारी को 3 दिन में प्रस्तुत करनी होगी। शहरी क्षेत्र में निजी संपत्ति पर विज्ञापन नगर पालिका अधिनियम के तहत प्रतिबंधित है, साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में भी निजी संपत्ति पर मालिकों की स्वीकृति अनिवार्य है।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि यदि कोई निजी वाहन स्वामी अपने वाहन पर अपनी पसंद के किसी राजनीतिक दल या अभ्यर्थी का झंडा, स्टीकर लगाता है तथा यदि इससे राहगीरों को किसी प्रकार की असुविधा या आपत्ति नहीं है तो इसमें किसी प्रकार की आपत्ति नही होगी। लेकिन यदि कोई व्यक्ति अभ्यर्थी की अनुमति के बिना अपने वाहन पर झंडे या स्टीकर इस प्रकार लगाता है कि जिससे किसी अभ्यर्थी विशेष के पक्ष में मत याचना का उद्देश्य स्पष्ट होता है तो ऐसे व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 171 एवं आईपीसी के तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने बताया कि अभ्यर्थी द्वारा प्रचार के प्रयोजन से प्रयोग में लिये गये उसके व्यक्तिगत वाहन को प्रचार वाहन माना जायेगा तथा उसका ईंधन तथा चालक का वेतन अभ्यर्थी के व्यय लेखे में शामिल किया जायेगा। इस क्रम में प्रचार के लिये काम में लिये जा रहे अन्य वाहन भी अभ्यर्थी के व्यय लेखे में शामिल होंगे।
चुनाव के दौरान वाहनों तथा वीडियो रथ वाहन में सक्षम अधिकारी से विधिवत अनुमति प्राप्त कर लाउडस्पीकर का उपयोग किया जा सकता है। लेकिन लाउडस्पीकरों का उपयोग रात 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक निषिद्ध अवधि में नहीं किया जा सकेगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि राजनीतिक सभाओं के लिए सरकार स्थानीय निकाय, उपक्रमों, सहकारी संस्थाओं के मीटिंग स्थलों, हाॅल्स, आॅडिटोरियम आदि का उपयोग राजनीतिक सभाओं के लिए किया जा सकता है लेकिन इसके लिये चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करना जरूरी होगा।
उन्होंने बताया कि इनका उपयोग सभी राजनीतिक दलों या अभ्यार्थियों द्वारा समानता के आधार पर किया जाये और किसी दल या अभ्यर्थी का इन पर एकाधिकार नहीं रहेगा। साथ ही राजनीतिक दल या अभ्यर्थी यह सुनिश्चित करें कि सभा स्थलों पर प्रचार सामग्री सभा समाप्ति के तुरन्त बाद हटा ली जाये। काॅलेज, स्कूलों व अन्य शैक्षणिक संस्थाओं के मैदानों का चुनाव प्रचार के दौरान उपयोग करते हुए इस बात का पूरा ध्यान रखा जाए कि किसी स्कूल या काॅलेज के शैक्षणिक सत्र पर किसी भी प्रकार का विपरीत असर न हो।