चमत्कार दिगम्बर जैन मंदिर में चातुर्मास कर रहे आचार्य सुकुमालनंदी ने धर्मसभा में श्रावकों को प्रवचन देते हुए कहा कि कभी भी लोगों को मजबूरी से धर्म नहीं करवाएं क्योंकि तुष्टिकरण कभी नहीं जीतता और इसका परिणाम शुभ भी नहीं रहता।
प्रवक्ता प्रवीण कुमार जैन ने बताया कि जैन धर्म के 22वें तीर्थंकर भगवान नेमिनाथ का ज्ञान कल्याणक महोत्सव सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा आचार्य सुकुमालनंदी, मुनि सुनयनंदी एवं ऐलक सुलोकनंदी के सानिध्य में हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर आलनपुर स्थित दिगम्बर जैन नेमिनाथ अतिशय क्षेत्र दीवानजी की नसियां में महोत्सव का शुभारम्भ रजत कलशों द्वारा भगवान नेमिनाथ के अभिषेक के साथ हुआ। पवित्र वातावरण में आचार्य सुकुमालनंदीजी के मुखारबिन्द से उच्चारित मंत्रों के बीच प्रवीण श्रीमाल एवं भागचन्द कासलीवाल द्वारा विश्व की सुख-समृद्धि व शांति की मंगलकामना के साथ शांतिधारा कर भगवान को चंवर ढुलाऐ। इन्द्र-इन्द्राणियों ने देव-शास्त्र-गुरू की पूजन के साथ अष्ट द्रव्यों से भगवान नेमिनाथ की विशेष पूजा-अर्चना, स्मरण, ध्यान कर ज्ञान कल्याणक का अघ्र्य उत्साहपूर्वक समर्पित किया। महाअध्र्य समर्पण, शांतिपाठ एवं विसर्जन विधि के साथ पूजन सम्पन्न हुई। इसके उपरांत भगवान नेमिनाथ की आरती गई।