तेल कम्पनियों की ओर से रसोई गैस उपभोक्ताओं के लिए अब आधार प्रमाणीकरण यानी ई-केवाईसी अनिवार्य किया गया है। तेल कम्पनियों ने 31 दिसम्बर तक ई-केवाईसी करने का मौखिक टारगेट दिया है। इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम तीनों कम्पनियों का सर्वर अटक-अटक कर चल रहा है। ऐसे में उपभोक्ता और गैस एजेंसी संचालक दोनों परेशान हैं। जानकारों का कहना है कि एक-एक सप्ताह में आधे उपभोक्ताओं की भी ई-केवाईसी नहीं हो पाएगी। हालांकि 31 दिसम्बर के बाद भी किसी उपभोक्ता की सब्सिडी नहीं रुकेगी।
सर्वर अटकने से फिंगर व फेस मेचिंग मुश्किल
गैस एजेंसी के कार्यालयों में इन दिनों उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी के लिए भीड़ उमड़ रही है। उपभोक्ता को आधार कार्ड और गैस कनेक्शन कार्ड साथ ले जाना होगा। वहां बायोमेट्रिक आधार पर उनकी केवाईसी की जा रही है। तेल कम्पनियों का सर्वर बार-बार अटकने से उपभोक्ताओं की फिंगर और फेस मैचिंग में परेशानी आ रही है। इससे गैस एजेंसी संचालक और उपभोक्ता दोनों परेशान है।
उज्ज्वला योजना को प्राथमिकता
गैस एजेंसी संचालक प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के उपभोक्ताओं को प्राथमिकता दे रहे हैं, क्योंकि उन्हें गैस सिलेण्डर 500 रुपए में उपलब्ध कराया जा रहा है। कोई फर्जी तरीके से सब्सिडी तो नहीं ले रहा, ऐसे में तेल कम्पनियों की प्राथमिकता भी यही है। गैस एजेंसी में भी उज्ज्वला योजना के उपभोक्ताओं को प्राथमिकता दी जा रही है।
क्यों जरूरी किया ई-केवाईसी
वर्ष 2022 के बाद जारी सभी गैस कनेक्शन का आधार प्रमाणीकरण किया जाता है। इससे पहले रसोई गैस उपभोक्ताओं का आधार प्रमाणीकरण आवश्यक नहीं था। कई लोग दूसरे के नाम का गैस कनेक्शन उपयोग कर रहे हैं। कइयों के नाम दो-तीन कनेक्शन है। ई-केवाईसी से इनका समाधान हो सकेगा।
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वैसे उज्ज्वला योजना के उपभोक्ताओं की प्राथमिकता के साथ ई-केवाईसी की जा रही है। सर्वर अटकने से कुछ परेशानी आ रही है। यदि 31 दिसम्बर तक भी ई-केवाईसी नहीं हो पाती है तो भी किसी की सब्सिडी नहीं रुकेगी।