अवैध बजरी खनन, परिवहन एवं भंडारण पर हो रही लगातार कार्रवाई के बीच अवैध बजरी का स्टॉक पाए जाने पर एक मामले में खातेदारी जमीन को सिवायचक घोषित किया गया है।
मलारना डूंगर उपखंड मजिस्ट्रेट ने एक मुकदमे में फैसला सुनाते हुए खातेदारी कृषि भूमि पर अवैध बजरी खनन संग्रहण करने पर खातेदारी जमीन को सिवायचक घोषित कर दिया है।
जिले में पुलिस, प्रशासन एवं खनिज विभाग की संयुक्त टीमों द्वारा अवैध बजरी खनन, परिवहन एवं भंडारण के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। ऐसे में मलारना डूंगर उपखंड मजिस्ट्रेट के आदेश से बजरी माफियाओं में खासी चर्चा है तथा उनमें इस तरह की कार्यवाही से अवैध बजरी खनन, परिवहन एवं भंडारण में कमी आने की आशा जताई जा रही है।
उपखण्ड अधिकारी मलारना डूंगर मनोज कुमार वर्मा ने बताया कि अवैध बजरी खनन संग्रहण के विरूद्ध तहसीलदार मलारना डूंगर द्वारा उपजिला मजिस्ट्रेट न्यायालय में राजस्थान काश्तकारी अधिनियम की धारा 177 में परिवादी घनश्याम, खिलाड़ी, मुरारी, ताराचन्द गुर्जर निवासी बिलोली नदी के विरूद्ध मुकदमा दायर किया था, जिसमें परिवादी द्वारा खातेदारी भूमि खसरा नम्बर 934 रकबा 0.11 हैक्टेयर पर बिना संपरिवर्तन कराये राज्य सरकार की अनुमति के बिना अवैध बजरी संग्रहण किया हुआ था। न्यायालय द्वारा बजरी के अवैध भंडारण की हुई खातेदारी की उक्त भूमि को सिवायचक घोषित किया है। साथ ही कृषि भूमि को अवैध बजरी संग्रहण एवं अन्य गैर कृषि कार्यों में उपयोग लेने वालों को चैतावनी दी है कि इस प्रकार कृषि भूमि का उपयोग बिना सक्षम अनुमति के गैर कृषि कार्याे में नही लें अन्यथा इस प्रकार की कार्यवाही निरन्तर जारी रहेगी।