राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को एक मीटिंग में कहा कि राज्य सरकार कोयला आपूर्ति की देशव्यापी कमी और डीएपी खाद की समय पर आपूर्ति को लेकर बेहद चिंतित है। और केंद्र सरकार पर इनकी आपूर्ति बढ़ाने के लिए राज्य सरकार दबाव बनाए हुए है।
सीएम गहलोत ने मंगलवार को प्रदेश में विद्युत एवं डीएपी (डाई अमोनियम फास्फेट) आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में बिजली की सुचारू आपूर्ति के लिए राज्य सरकार द्वारा हर स्तर पर बेहतरीन प्रबंधन किया जा रहा है।
साथ ही उन्होंने कहा कि कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के लिए अधिकारियों को सिंगरौली तथा बिलासपुर में तैनात किया गया है। राज्य सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव, ऊर्जा एवं प्रमुख सचिव कृषि को दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समन्वय के लिए भी भेजा गया है।
एक सरकारी बयान के अनुसार, बैठक में बताया गया कि राज्य सरकार कोल इंडिया लिमिटेड और उसकी सहयोगी कंपनियों एनसीएल तथा एसईसीएल को कोयले की आपूर्ति के लिए अग्रिम भुगतान सुनिश्चित कर रही है।
बयान के अनुसार, राजस्थान विद्युत उत्पादन लिमिटेड (आरवीयूएनएल) ने नेशनल कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) को सम्पूर्ण बकाया 393 करोड़ रुपये का भुगतान अगस्त, 2021 में ही कर दिया गया है।
इसके बाद सितंबर 2021 से ईंधन आपूर्ति समझौते के तहत अब कंपनी को नियमित रूप से कोयले की आपूर्ति का अग्रिम भुगतान किया जा रहा है। एनसीएल को एक सितंबर से आठ अक्टूबर तक 228 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान किया गया है। बैठक में अन्य भुगतान के बारे में भी जानकारी दी गई है।
आयात कम होने से पूरे देश में ही डीएपी की मांग तथा आपूर्ति में बढ़ा अंतर:-
बैठक में कहा गया कि इस साल आयात कम होने से पूरे देश में ही डीएपी की मांग और आपूर्ति में बहुत अंतर बढ़ गया है, जिससे अन्य दुसरे राज्यों के साथ ही राजस्थान भी प्रभावित हुआ है। केंद्र सरकार ने राज्य में इस साल अप्रैल से सितंबर के दौरान 4.50 लाख मीट्रिक टन मांग के विरूद्ध 3.07 लाख मीट्रिक टन डीएपी की ही आपूर्ति की है।
साथ ही अक्टूबर महीने में 1.50 लाख मीट्रिक टन मांग के विरूद्ध 68 हजार मीट्रिक टन डीएपी स्वीकृत की है। जिससे राज्य में डीएपी खाद की कमी हो गई है हालाँकि सीएम अशोक गहलोत पल-पल इस पर नजर बनाए हुए है जिससे राज्य के किसानों को किसी भी समस्या का बोझ नहीं उठाना पड़े।