जिले की जनसंख्या पर नियंत्रण करने और इसके लिए आमजन की समझाइश करनें के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांवों में सास बहू सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। जिले में विभिन्न गावों में चिकित्सा विभाग की एएनएम, आशा सहयोगिनी द्वारा सास बहू सम्मेलन का आयोजन किया गया। पीलूखेडा, सीसवाली, गालदकलां, खटूपुरा, रावल, भदलाव, मलारना चौड़, भडेरदा, इटावा में सास बहू सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में गांवों की सास व बहुएं शामिल हुई। एएनएम और आशा सहयोगिनियां खुल कर गांवों में रहने वाली सास बहुओं से चर्चा की। सास बहुओं को समझाया गया कि छोटा परिवार होने से किस तरह से फायदे हो सकते हैं। एएनएम सास बहुओं को उनकी ही भाषा और लहजें में उन्हें समझा रहीं है कि वो अपना परिवार छोटा किस प्रकार रख सकतीं हैं, किन साधनों का प्रयोग कर सकती हैं, साथ ही उनकी सास भी अपनी बहू को परिवार छोटा रखने के फैसले का स्वागत करें और उनका मानसिक रूप से सहयोग करें। इन सम्मेलनों के प्रथम चरण का आयोजन 15 जून से 5 जुलाई तक किया जा रहा है।
सास बहू मिलकर कर रही चर्चा:-सम्मेलन में परिवार कल्याण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जा रही है। जिसमें सीमित परिवार के लाभ, विवाह की सही आयु, विवाह के बाद कम से कम दो साल के बाद पहला बच्चा, पहले व दूसरे बच्चे में कम से कम 3 साल का अंतर, परिवार नियोजन के स्थाई व अस्थाई साधनों के बारे में संपूर्ण जानकारी, परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत दी जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि के बारे में एवं परिवार कल्याण के स्थाई एवं अस्थाई साधनों को अपनाने, सीमित परिवार के फायदे की जानकारी दी गई। एएनएम व आशाओं द्वारा सम्मेलन में परिवार नियोजन, स्वास्थ्य कार्यक्रमों एवं योजनाओं की जानकारी देने के साथ साथ भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास किया। सास बहू अपने परिवार नियोजन संबंधी अनुभवों को साझा किया। सास बहू सम्मेलन के माध्यम से गांव की महिलाओं में परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करने के लिए किया जा रहा है। सोमवार को हिंगोटिया, नौगांव, उमरी, लालपुर, श्यामपुरा, ओलवाडा, डूंगरी, बरनाला, बिछोछ, बिंजारी व मीना बडौदा में सास बहू सम्मेलनों का आयोजन किया गया।