राजस्थान के कई हिस्सों में मानसून की मेहरबानी बनी हुई है। मौसम विभाग ने मंगलवार के लिए कोटा और बारां जिले के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी कर तेज बारिश की संभावना जताई है। इसके साथ ही अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, अजमेर, भीलवाड़ा, पाली और झालावाड़ जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, यहां हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
इसके अलावा जोधपुर और बीकानेर संभाग के कुछ क्षेत्रों में भी बारिश हो सकती है। मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार मंगलवार को भी भारी बरसात का दौर जारी रहेगा। बारां, कोटा व झालावाड़ में अतिभारी बारिश के आसार हैं। वहीं बांसवाड़ा, बूंदी, डूंगरपुर, सवाई माधोपुर व टोंक में भारी बरसात की चेतावनी जारी की गई है। उदयपुर, अजमेर, अलवर, भरतपुर, भीलवाड़ा, चित्तौडग़ढ़, दौसा, धौलपुर, जयपुर, झुंझुनूं, करौली, प्रतापगढ़, राजसमंद, सीकर, सिरोही व उदयपुर में तेज बरसात का अलर्ट जारी किया गया है।
अब तक देश में 254.1 मिमी बारिश हुई है, जो इस अवधि में सामान्य रूप से होने वाली 248.3 मिमी बारिश से 2 प्रतिशत ज्यादा है। जून के आखिर तक देश में 148.6 मिमी बारिश दर्ज की गई थी, जो सामान्य से 10 प्रतिशत कम थी। इससे पहले 22 जून तक बारिश की कमी सामान्य से 33 फीसदी कम थी। पश्चिमी विक्षोभ और मानसूनी हवाएं एक साथ सक्रिय होने से भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार, हिमाचल, उत्तरी पंजाब व हरियाणा में मंगलवार से धीरे-धीरे बारिश कम होती जाएगी। उत्तराखंड में ऐसी ही स्थिति 2013 में उत्तराखंड में आई थी, जब वहां भारी तबाही मची थी। हिमाचल के मंडी में 40 साल पुराना पुल ढह गया है।
मुख्यमंत्री ने लोगों को घरों में रहने की सलाह दी है। वह लगातार स्थिति पर नजर बनाए हैं। हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य ने पिछले 50 साल में ऐसी बाढ़ नहीं देखी है। करीब तीन हजार करोड़ों का नुकसान हुआ है। दक्षिण भारत में बारिश की कमी 45 फीसदी से घटकर 23 फीसदी रह गई है। मौसम विभाग ने पहले जुलाई में 94 से 106 फीसदी दीर्घकालीन अवधि की बारिश होने का पूर्वानुमान जताया था।