शहीद कैप्टन रिपुदमन सिंह राजकीय महाविद्यालय सवाई माधोपुर के भूगोल विभाग द्वारा 22 दिसम्बर को “पर्यावरण संरक्षण-मुद्दे एवं चुनौतियां” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार के आयोजन सचिव प्रेम सोनवाल ने बताया कि शैक्षिक उन्नयन के लिए पर्यावरण संरक्षण विषय पर जागरूकता का लाना इस वेबिनार का उद्देश्य था। इन्होंने बताया कि यदि हमें सही मायने में पर्यावरण संरक्षण करना है तो जल, जंगल, जमीन, समुद्र एवं पर्वतों आदि संसाधनो का संतुलित उपयोग करना आवश्यक है।
वेबिनार को प्रारंभ करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य एवं वेबिनार के संरक्षक प्रो.बी.एस. मीना द्वारा महाविद्यालय द्वारा इस कोरोना समय में भी किये जा रहे शैक्षणिक व अकादमिक शोध के कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पर्यावरण संकट के प्रति किए जा रहे नवीन शोध के प्रति उच्च शिक्षा की प्रतिबद्धता को महत्वपूर्ण माना। एक वनस्पति शास्त्री के रूप में प्राचार्य ने पर्यावरण संरक्षण में व्यक्ति एवं भौगोलिक क्षेत्र के आपसी संबंधों को महत्वपूर्ण माना। उन्होंने भारत में पर्यावरण संरक्षण एवं हरित क्रांति के अंतर संबंधों को रेखांकित किया। जैव विविधता का संरक्षण मानवीय अस्तित्व के लिए अनिवार्य है। वेबिनार की सह-आयोजन सचिव डाॅ. ज्योति अरूण ने वेबिनार में सभी सहभागियों का स्वागत किया।
वेबिनार के प्रथम सत्र में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डाॅ. आनंद प्रसाद मिश्रा ने कोरोना महामारी के संदर्भ में सामाजिक आर्थिक विश्लेषण के गांधीवादी दृष्टिकोण से विश्व व्यापार संरचना के तथ्य प्रस्तुत किए। द्वितीय सत्र में गढवाल विश्वविद्यालय उत्तराखंड के सहायक आचार्य डाॅ. आलोक सागर गौत्तम ने बताया कि कोरोना महामारी के बाद पर्यावरण के प्रति चेतना बढ़ी है। तृतीय सत्र में डाॅ.एल.सी.अग्रवाल ने हाडौती क्षेत्र के विभिन्न भौगोलिक कारकों को स्पष्ट करते हुए इन क्षेत्रों में वर्षा की स्थिति, भू-जल, भू-जल दोहन एवं सिंचाई की वास्तविक स्थिति को स्पष्ट किया। चतुर्थ सत्र में राजीव गांधी प्राकृतिक संग्रहालय सवाई माधोपुर के क्षेत्रीय निदेशक मोहम्मद युनूस ने प्राकृतिक जीवन के लिए संग्रहालय के माध्यम से किए जाने वाले विभिन्न प्रयासों को महत्वपूर्ण माना।
वेबिनार के उप-संरक्षक डाॅ. ओ.पी. शर्मा ने प्रकृति एवं प्रगति के मध्य समन्वय के लिए प्राथमिक लक्ष्य बनाये जाने पर चिंतन प्रस्तुत किया।
उप आयोजन सचिव डाॅ.ज्योति अरूण ने महाविद्यालय द्वारा आयोजित प्रथम राष्ट्रीय वेबिनार को पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से ज्ञान संवर्द्धन के लिए उपलब्धि बताया।