जयपुर में अब ड्रोन उड़ाने पर पाबंदी लगा दी है। अगर कोई शादी, पार्टियों या किसी कार्यक्रम में ड्रोन उड़ाता मिला तो पुलिस केस दर्ज करेगी। इससे संबंधित एडिशनल पुलिस कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर कुंवर राष्ट्रदीप ने ऑर्डर निकाला है। इसके अनुसार जयपुर में सिर्फ नैनो (सबसे छोटे) ड्रोन को उड़ाने के परमिशन मिलेगी। उसके लिए भी 24 घंटे पहले परमिशन लेनी होगी। राष्ट्रदीप ने बताया कि उनकी जानकारी में सामने आया था कि जयपुर में विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन में ड्रोन के उपयोग का प्रचलन लगातार बढ़ रहा है।
इसी बीच देश के अलग-अलग हिस्सों में ड्रोन का उपयोग कर अपराध की घटनाओं को अंजाम देने की जानकारी भी सामने आई है। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा भी समय-समय पर ड्रोन का उपयोग कर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के संबंध में अलर्ट किया जाता है। इसे देखते हुए पूरे जयपुर कमिश्नरेट में यह आदेश निकाला गया है।। राष्ट्रदीप ने बताया कि भारत सरकार के DGCA के गाइडेंस मैनुअल व नगर विमानन मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार 25 अगस्त 2021 के अनुसार ड्रोन को पांच श्रेणियों में बांटा गया है। इनमें से चार श्रेणी के ड्रोन पर पूरी तरह पाबंदी रहेगी। सिर्फ नैनो ड्रोन की परमिशन मिलेगी।
ये हैं पांच क्षेत्री
नैनो श्रेणी में 250 ग्राम या उससे कम वजन का ड्रोन आता है। माइक्रो श्रेणी में 250 ग्राम से अधिक व 2 किलोग्राम तक का ड्रोन आता है। स्मॉल श्रेणी में 2 किलोग्राम से अधिक व 25 किलोग्राम तक का ड्रोन आता है। मीडियम श्रेणी में 25 किलोग्राम से अधिक व 150 किलोग्राम तक का ड्रोन आता है। लार्ज श्रेणी में 150 किलोग्राम से अधिक तक के ड्रोन रखे गए हैं। ड्रोन उड़ाने से पहले डीजीसीए और गृह मंत्रालय भारत सरकार से सिक्यूरिटी क्लीयरैंस लेना होता है। जयपुर में इसके बावजूद ड्रोन नहीं उड़ा पाएंगे।
DGCA में रजिस्ट्रेशन के बाद भी ड्रोन नहीं उड़ा पाएंगे
गाइडलाइन के अनुसार माइक्रो, स्मॉल, मीडियम और लार्ज श्रेणी के ड्रोन को उड़ाने से पहले DGCA की वेबसाइट पर डिजिटल स्काय नाम से तैयार किए गए प्लेटफार्म पर इनका रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता। इसके अलावा DGCA UIN (यूनिक आइडेंटिफिकेशन नम्बर) तथा UAOP (अनमैंड एयरक्राफ्ट ऑपरेशन परमिट) लेना जरूरी है। इसके बाद उड़ाने से पहले गृह मंत्रालय भारत सरकार से सिक्यूरिटी क्लीयरैंस लेना होता है। जयपुर में इसके बावजूद ड्रोन नहीं उड़ा पाएंगे। वहीं, नैनो श्रेणी के ड्रोन में इसकी जरूरत नहीं है। राष्ट्रदीप ने बताया कि ड्रोन उड़ाने पर स्थानीय पुलिस द्वारा केस दर्ज कर कार्रवाई की जा सकती हैं। दरअसल, जयपुर राजस्थान की राजधानी होने के कारण यहां पर महत्वपूर्ण समारोह, वीवीआईपी मूवमेंट, देशी और विदेशी पर्यटकों की भरमार रहती है। सुरक्षा की दृष्टि से काफी संवेदनशील क्षेत्र हैं। इस कारण वर्तमान में विभिन्न कार्यक्रमों में ड्रोन के उपयोग को रोकना बहुत जरूरी है।
नैनो ड्रोन को उड़ाने से पहले रखे यह ध्यान
नैनो ड्रोन उड़ाने से पहले यह ध्यान रखे की जिस क्षेत्र में फोटोग्राफी की जानी है, उस क्षेत्र के पुलिस थाने को ड्रोन उड़ाने से 24 घंटे पूर्व सूचित किया जाए। ड्रोन को 50 फीट यानी 15 मीटर से ऊपर नहीं उड़ाया जाए। ध्यान रहे की ड्रोन को किसी पाबंदी क्षेत्र में नहीं उड़ाया जाए। जयपुर के सिविल लाइन, सीएम हाउस, राजभवन, विधानसभा, एयरपोर्ट के आसपास, जिला कलेक्ट्री, सचिवालय, सभी कोर्ट और सरकारी बिल्डिंग, सुरक्षा बलों के मुख्यालय और कार्यालय में ड्रोन उड़ाने पर पूरी तरह पाबंदी है।